World Bank : वर्ल्ड बैंक ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें भारत के उच्च आय वाला देश बनने के मार्ग तथा इसके मार्ग में आने वाली कुछ बाधाओं के बारे में बताया गया है. रिपोर्ट बताती है कि भारत और चीन सहित 107 अन्य देशों को यह दर्जा हासिल करने में कई दशक लग सकते हैं. रिपोर्ट का अनुमान है कि भारत को चीन और इंडोनेशिया को पीछे छोड़ते हुए अमेरिका की प्रति व्यक्ति आय के एक चौथाई तक पहुंचने में लगभग 75 साल लग सकते हैं. रिपोर्ट मध्यम आय के जाल से उबरने में निवेश, नवाचार और प्रौद्योगिकी के महत्व पर जोर देती है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन 10 साल में अमेरिकी आय के स्तर तक पहुंच जाएगा, इंडोनेशिया को लगभग 70 साल लग सकते हैं. वर्ल्ड बैंक ने भारत और चीन जैसे 108 देशों को मध्यम आय वर्ग में रखा है. 1990 के बाद से केवल 34 देश ही ऐसा करने में सफल हुए हैं.
रिपोर्ट में दी गई सलाह
रिपोर्ट में भारत को मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्था से ऊपर उठाकर अधिक समृद्ध बनाने के तरीकों के बारे में बताया गया है. इसमें भारत को विकसित देश बनाने के लिए अगले कुछ दशकों तक 7% से 10% की निरंतर आर्थिक वृद्धि की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है. अगर भारत इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल हो जाता है, तो यह 2047 तक एक विकसित देश बन सकता है, जहाँ प्रत्येक व्यक्ति की आय लगभग 18,000 डॉलर होगी और अर्थव्यवस्था 30 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ जाएगी. अभी भारत में औसत आय केवल 2370 डॉलर है.
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सामने हैं चुनौतियां
रिपोर्ट के अनुसार, उच्च आय वाली अर्थव्यवस्था प्राप्त करने की दिशा में अब और भी बड़ी चुनौतियाँ हैं. इन बाधाओं में बढ़ती उम्रदराज आबादी, बढ़ता कर्ज, भू-राजनीतिक तनाव, पर्यावरण क्षरण और अन्य दिक्कतें शामिल है. कई मध्यम आय वाले देश अभी भी पुरानी रणनीतियों का उपयोग कर रहे हैं. विश्व बैंक समूह के मुख्य अर्थशास्त्री इंदरमीत गिल ने चेतावनी दी कि यदि ये देश अपने पुराने तरीकों पर कायम रहे, तो अधिकांश विकासशील देश सदी के मध्य तक उच्च आय वाले देश बनने की दौड़ में पिछड़ जाएँगे.
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