Friday, November 22, 2024
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महिलाएं क्यों नहीं तोड़तीं नारियल? क्‍या तांत्र‍िक पूजा में छ‍िपा है इसका रहस्‍य! ज्‍योत‍िष से जानें असली वजह

Why Women Never Break Coconut in Hindu Dharma: सनातन धर्म में नारियल एक व‍िशेष फल है. कि‍सी भी पूजा में नारियल का स्‍थान उच्‍च है. हर धर्मिक अनुष्ठान में नारियल का होना जरुरी होता है. नारियल एक फल है, जिसको बहुत पवित्र माना गया है. नारियल को भगवान पर चढ़ाना शुभ माना गया है. आपने हर पूजा में, हर मंदिर में नारियल देखा होगा. लेकिन ह‍िंदू धर्म में मान्‍यता है कि नारियल सिर्फ पुरुष ही तोड़ते हैं. इसे मह‍िलाएं नहीं तोड़ीं. लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि इस प्रथा के पीछे असली वजह क्‍या है? आइए जानते हैं इसके असली तर्क के बारे में ज्‍योत‍िष व वास्‍तु व‍िशेषज्ञ और दस महाव‍िद्याओं के जानकारी, मृगेंद्र चौधरी से.

आपने देखा होगा कि चाहे नई गाड़ी खरीदी गई हो या फिर कुछ बड़ा काम हो, नारियल फोड़कर हमेशा शुभ काम की शुरुआत की जाती है. लेकिन नारियल हमेशा मह‍िलाएं ही फोड़ती हैं. दरअसल इसके पीछे वजह भी है. ज्‍योत‍िष व वास्‍तु व‍िशेषज्ञ और दस महाव‍िद्याओं के ज्ञाता, मृगेंद्र चौधरी के अनुसार ह‍िंदू धर्म में तांत्र‍िक पूजा के दौरान बली देने की प्रथा रही है. नारियल को भी बली का ही एक रूप माना जाता है. यही वजह है कि बली देने का काम पुरुष ही करते हैं. इसल‍िए सनातन धर्म में मह‍िलाओं को नारियल फोड़ने की मनाही है.

सनातन धर्म में नारियल एक व‍िशेष फल है. कि‍सी भी पूजा में नारियल का स्‍थान उच्‍च है.

ज्‍योत‍िष मृगेंद्र चौधरी बताते हैं कि आप इसे ऐसे समझ सकते हैं कि आज भले ही मह‍िलाओं को अपने अधिकार के ल‍िए लड़ना पड़ रहा हो, लेकिन हमारे धर्म में शक्‍ति को हमेशा ऊपर व पूजनीय माना गया है. महि‍लाएं शक्‍ति का ही प्रतीक हैं. ऐसे में तांत्र‍िक पूजाओं में हमेशा शक्‍ति की ही आराधना की जाती है. स्‍त्री खुद ही शक्‍ति का प्रतीक है और इसल‍िए बली नारी नहीं देती, बल्‍कि देवी रूपी शक्‍ति के सामने बली चढ़ाई जाती है. पुरुष अपनी शक्‍तियां बढ़ाने के ल‍िए देवी के सामने ही बली देकर शक्‍ति अराधना करता है. इसलि‍ए जब जानवरों की बली दी जाती थी, वह भी हमेशा नर पशुओं की ही दी जाती है, मादा पशुओं की नहीं. हमारे धर्म में स्‍त्री को सर्वोच्‍य माना जाता है और इसलि‍ए बली का प्रतीक माना जाने वाला नारियल मह‍िलाओं द्वारा न फोड़े जाने की प्रथा है.

ज्‍योत‍िष मृगेंद्र चौधरी आगे बताते हैं कि कुछ पुरुष देवता के सामने भी बली चढ़ती है जैसे भैरव के आगे या नरस‍िंह अवतार के आगे क्‍योंकि वह देवों का उग्र स्‍वरूप है. लेकिन उन्‍हें भी ये उग्रता शक्‍ति के सानिध्‍य से म‍िली है.

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Dharma Culture


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