Why does Chirag Paswan wear yellow and black Kalawa: 18वीं लोकसभा के पहले सत्र की पहली बैठक में लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) एक बार फिर अपने भाषण, अपने अंदाज के लिए सुर्खियों में हैं. संसद सदन में अंदर जाते हुए जहां वो अपनी को एक्टर रहीं एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranuat) के साथ चुलबुले अंदाज में दिखे. वहीं सदन में स्पीकर चुने जाने पर ओम बिरला (Om Birla) को बधाई देते वक्त विपक्ष को तीखा जवाब देते नजर आए. पीएम मोदी के ‘हनुमान’ के रूप में चिराग पासवान केंद्रीय मंत्री के तौर पर चुने गए हैं और एक-दो नहीं उन्हें तीन विभागों का कार्यभार दिया गया है. चिराग पासवान पहली बार केंद्रीय मंत्री बने हैं. जब से उन्होंने शपथ ली है, उनके लुक, उनके स्टाइल की खूब चर्चा हो रही है. लेकिन एक चीज ने कई लोगों का ध्यान खींचा है. आखिर चिराग पासवान अपने हाथ में पीला और काला कलावा क्यों बांधते हैं? क्या ये सिर्फ स्टाइल है या इसके पीछे कोई गहरा रहस्य है? आइए आपको इसके बारे में बताते हैं.
बगलामुखी देवी को कहा जाता है ब्रह्मास्त्र की देवी
अक्सर लोग अपने हाथ में लाल रंग का कलावा बांधते हैं. लेकिन चिराग पासवान के हाथों को अगर आप गौर से देखेंगे तो उनके हाथ में आपको लाल के साथ ही पीला और काला कलावा भी देखने को मिलता है. आखिर क्यों बांधते हैं लोग पीला कलावा. चलिए बताते हैं आपको. ज्योतिष मृगेंद्र चौधरी बताते हैं पीले कलावे का संबंध माता बगलामुखी से होता है. देवी बगलामुखी दसमहाविद्या में आठवीं महाविद्या हैं. यह तंत्र की क्रिया स्तम्भन की देवी हैं. शत्रुनाश, वाणी पर सिद्धि, वाद-विवाद में विजय के लिए माता बगलामुखी की पूजा की जाती है. दरअसल इस देवी का नाम वल्गा मुखी था, जिसे समय के साथ बगलामुखी देवी कहा जाने लगा. वल्गा का अर्थ होता है लगाम लगाना. पृथ्वी तत्व का रंग माना जाता है पीला. वहीं पृथ्वी के गुण की बात करें तो इसका गुण होता है स्थिरता यानी ठहराव.
चिराग पासवान 18वीं लोकसभा में केंद्रीय मंत्री बने हैं.
बगलामुखी वह देवी हैं, जिनकी कृपा से आपके शत्रुओं का नाश होता है. यदि आप इस देवी को प्रसन्न करते हैं तो आपको जीवन में आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता क्योंकि आपके शत्रु आपके सामने टिक ही नहीं पाते हैं. ज्योतिष मृगेंद्र चौधरी बातते हैं कि बगलामुखी देवी को ब्रह्मास्त्र की देवी भी कहा जाता है. यही वह शक्ति हैं, जो ब्रह्मास्त्र को भी रोक सकती हैं. बगलामुखी की उपासना आपको विजेता बनाती है. चिराग पासवान का ये धागा भी बगलामुखी देवी की उपासना का ही है.
मां बगलामुखी का ब्रह्रास्त्र की देवी कहा जाता है.
नजर दोष, शनि और राहु को प्रबल करता है काला धागा
कोर्ट कचहरी में सफलता, राजनीति में सफलता, चुनाव में जीत के लिए नेता-राजनेता अक्सर बगलामुखी अनुष्ठान कराते हैं. राजस्थान में वसुंधरा राजे, मध्यप्रदेश के शिवराज सिंह चौहान (मध्य प्रदेश में दतिया में पितांबरा महाविद्यापीठ की पूजा), बिहार के भी कई नेता भी बगलामुखी की उपासना कराते हैं. ज्योतिष मृगेंद्र चौधरी बताते हैं पीले वस्त्र पहनने होते हैं, पीला ही खाना खाना होता है, पीला ही देवी को भोग भी लगाया जाता है. मां बगलामुखी का अनुष्ठान पूरा होने पर जातक को पीले रंग का कलावा बांधा जाता है. ये रक्षासूत्र की तरह काम करता है. जब तक व्यक्ति अपने इच्छित फल को प्राप्त न कर ले, वह इस कलावे को बांध कर रखता है. जबकि उन्होंने जो हाथ में काला कलावा बांधा हैं, वह नजर दोष को हटाने के लिए, शनि और राहु को प्रबल करने के लिए बांधा जाता है.
चिराग पासवान शिव के भी बड़े भक्त हैं.
वहीं प्रसिद्ध ज्योतिष डॉ. मधुप्रिया बताती हैं कि चिराग पासवान जी ने अपने शनि और बृहस्पति को मजबूत किया है. क्योंकि शनि और बृहस्पति मिलकर एक राजयोग बनाते हैं. वहीं पीला जो धागा होता है, वह मां बगलामुखी का होता है. कई राजनेता इलेक्शन के टाइम माता बगलामुखी माता की पूजा करते हैं. माता बगलामुखी की पूजा-अर्चना और हवन के बाद पीला कलेवा बांधा जाता है. पीले कलावा का बहुत ही बड़ा महत्व है.
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FIRST PUBLISHED : June 26, 2024, 18:44 IST