Inflation: खाने-खिलाने के सामान, सब्जियों और उससे बनी वस्तुओं की कीमतें आम आदमी को सांस नहीं लेने दे रही हैं. यही कारण है कि थोक महंगाई सूचकांक लगातार चौथे महीने उफान पर है. खासकर, सब्जियों की कीमतों की रफ्तार सबसे अधिक तेज है. सरकार की ओर से सोमवार 15 जुलाई 2024 को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, देश में थोक महंगाई दर जून में लगातार चौथे महीने बढ़कर 3.36 प्रतिशत हो गई. थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर आधारित मुद्रास्फीति मई में 2.61 प्रतिशत थी. जून 2023 में यह शून्य से 4.18 प्रतिशत नीचे रही थी.
खाने की चीजें 10.87 प्रतिशत अधिक महंगी
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी किए गए बयान में कहा गया है कि खाने-खिलाने के सामानों (Food Items), फूड आइटम्स के निर्माण, कच्चे रसायन तथा प्राकृतिक गैस, खनिज तेल और अन्य बनी-बनाई वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से जून 2024 में महंगाई चरम पर पहुंच गई. मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, खाने की वस्तुओं की महंगाई जून में 10.87 प्रतिशत बढ़ी, जबकि मई में यह 9.82 प्रतिशत थी.
सब्जियां 38.76 प्रतिशत तो प्याज 93.35 प्रतिशत महंगा
मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों में कहा गया है कि सब्जियों की महंगाई दर (Vegetable Inflation Rate) जून में 38.76 प्रतिशत रही, जो मई में 32.42 प्रतिशत थी. प्याज की महंगाई दर 93.35 प्रतिशत रही, जबकि आलू की महंगाई दर 66.37 प्रतिशत रही. दालों की महंगाई दर जून में 21.64 प्रतिशत रही. ईंधन और बिजली क्षेत्र में महंगाई 1.03 प्रतिशत रही, जो मई में 1.35 प्रतिशत से थोड़ी कम है. बनी-बनाई चीजों की कीमतों में महंगाई जून में 1.43 प्रतिशत रही, जो मई में 0.78 प्रतिशत से अधिक थी.
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खुदरा महंगाई भी आसमान पर
जून में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) में बढ़ोतरी महीने के खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों के अनुरूप थी. सरकार ने पिछले सप्ताह उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा महंगाई दर को जारी किया था. सरकार की ओर से जारी खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों के अनुसार, जून में खुदरा महंगाई बढ़कर चार महीने के हाईएस्ट लेवल 5.1 प्रतिशत पर पहुंच गई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य तौर पर खुदरा मुद्रास्फीति को ही ध्यान में रखता है.
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