Kalava Utarne Ka Sahi Tarika: धार्मिक उत्सवों, विवाह आदि के समय पंडित मांगलिक कार्य आरंभ करने से पहले लाल अथवा लाल-पीले धागे को कलाई पर बांधते हैं. उसे कलावा कहा जाता है. हिन्दू धर्म में कलावे को ऐसा रक्षा सूत्र माना जाता है जो हर बुरी बला से रक्षा करता है. कलावा सारी नकरात्मक शक्तियों को अपने में समाहित कर इसे धारण करने वाले को खुशहाल रखता है. अक्सर लोग अपनी हथेली में कलावा बंधवा तो लेते हैं, लेकिन उसे कब उतारना चाहिए? या कलावा उतारने के बाद उसका क्या करना चाहिए? जैसी बातों का उन्हें नहीं पता होता है. जानिए सेलिब्रिटी एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी से कि कलावा बांधने, उसे उतारने के सही नियम क्या हैं.
लाल रंग का ही क्यों होता है कलावा
कलावा का रंग लाल इसलिए होता है क्योंकि लाल रंग को हिन्दू धर्म में शक्ति, उत्साह, सौभाग्य, प्रेम और खुशी का प्रतीक माना जाता है. इसलिए, लाल धागा विवाह, गृह प्रवेश, विशेष धार्मिक अनुष्ठानों जैसे नवरात्रि, दीपावली, करवाचौथ आदि के अवसर पर प्रयोग किया जाता है. इसके साथ ही ज्योतिष के अनुसार शरीर में कलाई को मंगल का स्थान माना जाता है. मंगल के स्वामी होती हैं हनुमान जी और हनुमान जी को लाल रंग बहुत पसंद है. यही कारण है कि कलाई पर लाल रंग का कलावा बांधा जाता है. वहीं कई मौके पर लाल के साथ पीला कलावा भी बांधा जाता है क्योंकि पीला रंग प्रकृति, सूर्य, ज्ञान, और सजीवता का प्रतीक माना गया है. व्रत का संकल्प लेने से पहले भी कलावा बांधा जाता है. इस बात का ध्यान रखें कि ऐसा कलावा जिसका रंग उतर चूका हो या फिर जिस कलावे के धागे निकलने लगे हों, उसे अवश्य उतार दें. कलावे में लगने वाली गांठ में मां लक्ष्मी, मां सरस्वती और मां पार्वती का स्थान माना गया है.
ऐसे पहनना चाहिए कलावा
– कलावा हमेशा किसी पंडित से या बड़े से बंधवाएं. कलावा बंधवाते वक्त अपना एक हाथ सिर पर रखना चाहिए.
– इसके साथ ही जिस हाथ की कलाई में कलावा बंधवाएं उसी हाथ की मुठ्ठी में कुछ धन दक्षिणा स्वरूप जरूर रखना चाहिए.
– हाथ में कलावा 3, 5 या 7 बार लपेटा जाना चाहिए.
कलावा कैसे उतारना चाहिए
वैसे तो कलावा उतारने के लिए विभिन्न परंपराओं और क्षेत्रों में अलग-अलग रीति-रिवाज का पालन किया जाता है. कलावे को धारण करने से लेकर उसे उतारने तक से जुड़े कई नियम भी शास्त्रों में बताये गए हैं. मगर आमतौर पर जो बात कॉमन है, वह यह कि कलावे का रंग उतरने से पहले उसे उतार देना चाहिए. कलावा मंगलवार या शनिवार के दिन उतारना चाहिए. आप कलावा उतारने के लिए यह कर सकते है.
1. कलावा उतारने के बाद उसे एक पेड़ के नीचे बांधने के साथ कुछ पुष्प रखे जाते हैं. कलावा को पेड़ के नीचे बांधने का मकसद परिवार के सदस्यों के लिए शांति तथा समृद्धि की कामना करना होता है.
2. कलावा को इधर-उधर फेंकने की बजाए नदी में प्रवाहित करना सही रहता है. नदी को पवित्र माना जाता है.
3. यदि आसपास नदी नहीं है तो उसे धूप और घी के साथ अग्नि में जला सकते हैं. अग्नि में कलावा जलाने के पीछे मान्यता है कि कलावा उतारने के बाद भी व्यक्ति जो अपने जीवन के कठिनाइयों को पार करने में जिस संबल की आवश्यकता है, वह उसे मिल सके.
4. यदि आर्थिक रूप से सक्षम हैं तो कलावा उतारने के साथ धान्य, फल, धन, या वस्त्र आदि का दान करें. ऐसा करने से पुण्य फल में वृद्धि होती है.
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FIRST PUBLISHED : June 7, 2024, 12:02 IST