नई दिल्ली: आपने बड़े-बुजुर्गों से यह बात सुनी होगी कि अगर दुश्मन के घर से भी शादी का कार्ड आ जाए तो उसे लौटाया नहीं जाता. चाहे आप इस निमंत्रण को स्वीकार करें या न करें, उस पार्टी में जाएं या न जाएं लेकिन शादी का कार्ड कभी भी लौटाया नहीं जाता. सनातनी संस्कृति में वैसे तो किसी भी निमंत्रण पत्र का अपमान नहीं किया जाता, लेकिन विवाह के कार्ड का भूल से भी अनादर नहीं करना चाहिए. लेकिन अब सवाल ये उठता है कि आखिर ऐसा करना क्यों इतना बड़ा पापा माता जाता है. आइए जानते हैं सेलिब्रिटी एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी से.
एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी का कहना है कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शादी के कार्ड में देवी देवताओं की फोटो छपी होती हैं. इसके अलावा एक या दो पंक्ति में संस्कृत में मंत्र भी लिखे होते हैं. उनका कहना है कि शादी निमंत्रण के कार्ड समाज में जब बांटे जाते हैं, उससे पहले वर-वधु के परिजन विद्वान पुरोहित से उन वेडिंग कार्डस को बंडल में बंधे होने के साथ ही मंत्रोच्चार से शुद्ध कराते हैं. मंत्रों द्वारा ग्रहों की शक्ति को निमंत्रण पत्र में समाहित किया जाता है. उन कार्ड्स की पूजा कर सर्वप्रथम गणेशजी का आह्वान कर उनमें देवी-देवता बैठाए जाते हैं. इसलिए ये कार्ड सिर्फ कागज का टुकड़ा नहीं होते हैं.
एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी का कहना है कि जब शादी का कार्ड कोई आपके घर लेकर आता है तो वह सिर्फ शादी का बुलावा भर नहीं रह जाता है, बल्कि उस कार्ड में देवी-देवताओं की शक्ति और ग्रहों की शुभता भी वास करती है. उस कार्ड के आपके घर में होने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद और ग्रहों की कृपा आप पर बनी रहती है. जबकि इसका निरादर करने से देवी-देवताओं की कृपा समाप्त हो जाती है और ग्रह दोष लगता है. इसलिए किसी की भी शादी का कार्ड लौटाने के लिए शास्त्रों में मना किया गया है. अगर आप शादी का कार्ड लौटाते हैं तो ग्रहों के रुष्ट होने पर नव दंपत्ति के जीवन में समस्याएं तो आती ही हैं, कार्ड को अस्वीकारने वाले व्यक्ति की कुंडली में भी ग्रह दोष उत्पन्न होने लगता है जो आगे चलकर उनकी परेशानियां बढ़ाता है.
शादी के कार्ड का क्या करें
– शादी सम्पन्न हो जाने के बाद ही कार्ड्स को घर से बाहर निकालें.
– जब तक शादी सम्पन्न नहीं हो जाती यानि उसकी तिथि बीत नहीं जाती, तब तक निमंत्रण वाले कार्ड को किसी बैग में या किसी सुरक्षित स्थान पर रख दें.
– इसके बाद पीपल के नीचे रखकर आ सकते हैं.
– कार्ड को नदी में प्रवाहित कर सकते हैं या उन्हें क्राफ्ट पेपर के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं.
– कार्ड को कभी कूड़े में नहीं डालना चाहिए. इससे देवी-देवताओं का अपमान होता है.
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FIRST PUBLISHED : July 26, 2024, 14:13 IST