Perimenopause : पेरीमेन्यूपॉज, मेनूपॉज के पहले वाली स्थिति को कहते हैं जब आपका शरीर मेनूपॉज की ओर बढ़ रहा होता है. इस वक्त में महिलाओं के अंडाशय कम मात्रा में हार्मोन बनाना शुरू कर देते हैं, जिससे माहवारी अनियमित और अस्थिर हो जाती है.
पेरीमेन्यूपॉज में महिलाओं का शरीर अपनी प्रजनन आयू की समाप्ति की ओर होता है, यह एक प्राकृतिक और आम प्रक्रिया होती है. लेकिन इस दौरान महिलाओं को कई शारीरिक एवं भावनात्मक बदलावों से गुजरना पड़ता है जिसका असर उनकी जिंदगी पर भी पड़ता है.
पेरीमेन्यूपॉज बस 30 से 50 वर्ष तक की आयु के बीच होता है, कुछ लोगों में या बहुत ही कम समय के लिए होता है और कुछ लोगों में यह कुछ सालों तक भी रहता है. इस वक्त में माहवारी अनियमित हो सकती है और हार्मोनल गतिविधियां भी धीमी हो जाती हैं, इसके बावजूद भी आप गर्भवती हो सकती हैं.
पेरीमेन्यूपॉज एक संक्रमणकालीन(transitional) समय होता है, जो मेनूपॉज तक रहता है. महावारी आना बंद हो जाने को मेनूपॉज कहते हैं. जब आपको एक साल तक माहवारी नहीं आए तो यह मेनूपॉज की स्थिति होती है.
Perimenopause : हार्मोनल परिवर्तन
शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन के कम स्तर के कारण महिलाएं पेरीमेन्यूपॉज के वक्त हार्मोनल बदलाव महसूस करती है. महिलाओं के अंडाशय में एस्ट्रोजन हार्मोन बनता है जो प्रजनन तंत्र को संरक्षित रखने में एक अहम किरदार निभाता है. जब एस्ट्रोजन का स्तर गिरता है तो अंडाशय में बनने वाले प्रोजेस्टरॉन और दूसरे हार्मोन भी अपना संतुलन खो बैठते हैं
पेरीमेन्यूपॉज के वक्त हार्मोन का असंतुलित होना एक आम बात होती है जिससे मूड भी ऊपर नीचे होने की समस्या होती है. इसके बाद जब मैं पास होता है तब अंडाशय में बहुत कम मात्रा में एस्ट्रोजन बनता है जिससे अंडे बनने की प्रक्रिया रुक जाती है और महावारी आना भी बंद हो जाती है जिसके बाद महिलाओं में प्रजनन क्षमता समाप्त हो जाती है.
Perimenopause : पेरीमेन्यूपॉज कब शुरू होता है?
मेनूपॉज के 8 से 10 साल पहले से ही परी मेनू पास की प्रक्रिया शुरू हो जाती है औसतन महिलाओं में यह 40 वर्ष की आयु के आसपास शुरू हो जाता है. जिन महिलाओं को 40 से पहले ही मेनूपॉज हो जाता है उसे प्रीमेच्योर मेनूपॉज (pre -mature menopause) कहते हैं. कुछ तरह के शारीरिक स्थितियां या इलाज संबंधी प्रक्रिया के बाद ही ऐसा होता है.
अगर पेरीमेन्यूपॉज बिना किसी चिकित्सीय कारण के होता है, तो इसे प्राइमरी ओवेरियन इंसफिशिएंसी (primary ovarian insufficiency)कहते हैं. पेरीमेन्यूपॉज 4 साल तक रहता है लेकिन यह 8 साल तक भी टिक सकता है. कुछ महिलाएं पेरीमेन्यूपॉज की स्थिति को कुछ महीने ही अनुभव करती हैं जबकि कुछ महिलाओं में सालों तक यह समस्या रहती है.
Perimenopause : पेरीमेन्यूपॉज के लक्षण?
- अनियमित माहवारी या पीरियड्स मिस होना
- महावारी के वक्त ज्यादा या फिर बहुत कम रक्त स्राव होना
- मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन और तनाव रहना
- यौन इच्छा में कमी
- पसीना और चेहरा लाल पड़ जाना
- वैजाइना में सूखापन होना और यौन संबंध बनाते वक्त असहजता
- बार-बार पेशाब जैसा महसूस होना