Egg Freezing : एग फ्रीजिंग एक आधुनिक प्रक्रिया है, जिससे महिला के अंडों को जमा कर रखा जाता है और उसकी प्रजनन क्षमता को संरक्षित भी किया जा सकता है. जिससे बाद में उनका प्रयोग प्रजनन उपचार में किया जा सकता है. यह तकनीक उन महिलाओं के लिए है जो किसी भी तरह के गंभीर चिकित्सा उपचार करवाती है या फिर उनके स्वास्थ्य स्थिति उनकी प्रजनन क्षमता को भविष्य में प्रभावित कर सकती है. भारत में भी कई महिलाएं इस तकनीक का लाभ उठा चुकी है और यह बिल्कुल ही सुरक्षित प्रक्रिया होती है. इस प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानने के लिए लेख को आगे पढ़ें.
Egg Freezing : एग फ्रीजिंग की प्रक्रिया
- एग फ्रीजिंग की प्रक्रिया की शुरुआत में सबसे पहले किसी भी तरह की संक्रमित बीमारी जैसे कि एचआईवी और हेपेटाइटिस की जांच करना अनिवार्य होता है इन जांचों का एक फ्रीजिंग पर कोई खास असर नहीं होता है बल्कि यह जांच करने का मकसद यह होता है कि संक्रमित मरीज के अंडे को अलग और सावधानी से रखा जाए जिससे दूसरे सैंपल्स संक्रमित ना हों.
- इसके बाद आईवीएफ का की प्रक्रिया शुरू होती है जिसमें दो से तीन हफ्ते का वक्त लगता है. इस प्रक्रिया के दौरान मरीज को कुछ दवाई दी जाती है जिससे उनके शरीर में अंडे का निर्माण ज्यादा हो और अंडे के मैच्योर होने में भी यह मदद करता है. जैसे ही अंडे मैच्योर हो जाते हैं तब उन्हें लेप्रोस्कोपी के माध्यम से निकाल लिया जाता है. कलेक्शन के प्रक्रिया के दौरान मरीज को जनरल एनेस्थीसिया एस सिडेशन से सुन्न किया जाता है.
- इसके बाद अंडे को शुक्राणु के साथ फ्यूजन कराया जाता है, ऐसा आम आईवीएफ ट्रीटमेंट में होता है. एग फ्रीजिंग के दौरान अंडे के कलेक्शन के बाद उसे भ्रूण वैज्ञानिक को दे दिया जाता है फिर वह उनका परीक्षण करिए तय करता है कि किन अंडों को प्लीज करना है. फिर उसमें क्रायोप्रोटीन नाम का फ्रीजिंग सॉल्यूशन डालकर सुरक्षित कर दिया जाता है. इसके बाद अंडे को धीरे-धीरे ठंडा करके फ्रीज कर दिया जाता है या फिर जल्दी जमा कर लिक्विड नाइट्रोजन के टैंक में -196°सेल्सियस तापमान पर संग्रहित कर दिया जाता है. हाल ही की एक रिपोर्ट के अनुसार अंडे को जल्दी जमाने वाली प्रक्रिया ज्यादा सफल होती है.
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- अब इन अंडों को भविष्य में जब भी आप मां बनना चाहेंगी तब इसे स्पर्म के साथ निषेचित किया जाता है और भ्रूण के रूप में गर्भाशय में स्थानांतरित कर दिया जाता है. यह प्रक्रिया महिलाओं के लिए काफी सुविधाजनक होती है. खास करके वह जो किसी विशेष स्वास्थ्य संबंधी समस्या का सामना कर रही हैं, जो उनकी प्रजनन क्षमता को भविष्य में प्रभावित कर सकती है.