Tuesday, November 26, 2024
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अब तक नहीं जानते होंगे हिंदू धर्म के 18 पुराणों के बारे में, यहां जानें इनके नाम और क्या है इनकी विशेषता

हाइलाइट्स

भविष्य पुराण में भविष्यवाणियों के बारे में बताया गया है. इसमें 12 महीनों के निर्माण और विक्रम बेताल की कथाओं का उल्लेख मिलता है.

18 Puranas Of Hindu : सनातन धर्म को सबसे पुराना धर्म माना गया है. जिसमें 18 पुराणों के जरिए न सिर्फ देवी-देवताओं की लीलाओं के बारे में बताया बल्कि इतिहास, खगोल, आयुर्वेद, ज्योतिष और अन्य कई विषयों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है. इन पुराणों की रचना भगवान ने की है. जिसमें कई देवी-देवताओं की अनेक लीलाओं का वर्णन किया गया है. इनमें से कुछ धार्मिक ग्रंथों को हम नियमित पढ़ते हैं और उन्हें घर में रख कर उनकी पूजा करते हैं. वहीं कुछ ऐसे हैं जिनकों घर में रखने की मनाही है. आइए आज के इस आर्टिकल में जानते हैं उन 18 धार्मिक पुराणों के बारे में जो हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण हैं भोपाल निवासी ज्योतिष आचार्य योगेश चौरे से.

1. ब्रह्म पुराण
मान्यता के अनुसार ब्रह्म पुराण को सबसे प्राचीन पुराण माना गया है. जिसमें सृष्टि की रचना का उल्लेख है. इसके अलावा इसमें मनु वंश, पृथ्वी, प्राणी, देवी-देवता, जीव, स्वर्ग और नर्क के साथ ही कई मंदिरों और तीर्थों के बारे में उल्लेख किया गया है.

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2. पद्म पुराण
मान्यता है कि इस पुराण में सृष्टि की उत्पत्ति के बारे में विस्तार से बताया है. किस तरह भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी.

3. विष्णु पुराण
बात आती है विष्णु पुराण की जिसमें भगवान विष्णु की कथाओं और लीलाओं के बारे में वर्णन किया गया है. ये पुराण पराशर ऋषि की लिखी सभी पुराणों में सबसे छोटा माना जाता है.

4. शिवपुराण
अगला है शिवपुराण जिसमें भगवान शिव के अवतार, महिमा और उनकी कथाओं के बारे में विस्तार बताया गया है. भगवान शिव के कई अवतार, ज्योतिर्लिंग और उनकी महिमा के बारे में शिवपुराण में बताया गया है.

5. भागवत पुराण
बात करते हैं भागवत पुराण की जिसमें भगवान विष्णु के सभी अवतारों और उनकी कथाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है. भागवत पुराण में भक्ति योग का वर्णन भी किया गया है.

6. नारद पुराण
अगला नंबर है नारद पुराण का जिसे महापुराण के नाम से भी जाना जाता है. नारद पुराण सभी पुराणों का सार माना जाता है. जिसमें व्याकरण, ज्योतिष, कल्प और शिक्षा के बारे में जानकारी मिलती है.

7. मार्कण्डेय पुराण
अब बारी आती है मार्कण्डेय पुराण की जसको सभी पुराणों में प्राचीन माना जाता है. इसमें वैदिक देवताओं इंद्र, सूर्य और अग्नि के बारे में बताया गया है.

8. अग्नि पुराण
अगला पुराण है अग्नि पुराण जिसमें भगवान विष्णु के अवतार, भगवान गणेश, शिवलिंग, मां दुर्गा, सूर्य देव और प्राण प्रतिष्ठा के बारे में विस्तार से बताया गया है.

9. भविष्य पुराण
भविष्य पुराण में भविष्यवाणियों के बारे में बताया गया है. इसके अलावा इसमें 12 महीनों के निर्माण और विक्रम बेताल की कथाओं का उल्लेख मिलता है.

10. ब्रह्मवैवर्त पुराण
अगला धार्मिक ग्रंथ है ब्रह्मवैवर्त पुराण जिसेको वेद मार्ग का दसवां पुराण माना जाता है. जिसमें आयुर्वेद से जुड़ी जानकारी साझा की गई है. इसमें भगवान कृष्ण और राधा रानी की गोलोक लीलाओं का वर्णन किया गया है.

11. लिंग पुराण
18 धार्मिक पुराणों में लिंग पुराण भी एक है जिसमें लिंग के बारे में बताया गया है. इसके अलावा इसमें भगवान शिव के 28 अवतारों के बारे में वर्णन मिलता है.

12.वराह पुराण
बारी आती है वराह पुराण की जिसमें भगवान विष्णु के वराह अवतार के बारे में विस्तार से बताया गया है.

13.स्कंद पुराण
भगवान शिव के ज्येष्ठ पुत्र कार्तिकेय की कथाओं का उल्लेख स्कंद पुराण में किया गया है. स्कंद पुराण में शिव की महिमा, सती-चरित्र, शिव पार्वती विवाह, कार्तिकेय का जन्म और तारकासुर वध ये कथाएं पढ़ने को मिलती हैं.

14.वामन पुराण
अगला पुराण है वामन पुराण जिसमें भगवान विष्णु के वामन अवतार के बारे में बताया गया है. इसके अलावा शिवलिंग पूजा, भगवान गणेश, स्कंद और शिव पार्वती की कथा के बारे में भी उल्लेख मिलता है.

15.कूर्म पुराण
18 पुराणों में एक है कूर्म पुराण जिसमें चारों वेदों का सार मिलता है. इसमें भगवान विष्णु के कूर्म अवतार की कथा और उपदेशों के बारे में विस्तार से बताया गया है.

16.मत्स्य पुराण
भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की कथा के बारे में विस्तार से मत्स्य पुराण में बताया गया है. जिसमें जल से प्रलय से लेकर कलियुग के राजाओं की सूची का वर्णन किया गया है.

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17 गरुड़ पुराण
इंसान की मृत्यु की घटनाओं के बारे में विस्तार से गरुड़ पुराण में बताया गया है. इसमें जन्म, मृत्यु, कर्म, आत्मा, पाप-पुण्य के बारे में जानकारी दी गई है.

18. ब्रह्मांड पुराण
18 पुराण में अगली यानी 18वी पुराण है ब्रह्मांड पुराण जिसमें बताया गया है कि सृष्टि की रचना कैसे हुई थी. इसके अलावा सृष्टि की रचना में देवी-देवताओं ने किस तरह सहयोग किया इस बारे में भी उल्लेख किया गया है.

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Dharma Granth, Dharma Guru


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