Monday, October 21, 2024
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नवरात्रि के चौथे दिन विनायक चतुर्थी व्रत, रवि योग में होगी गणेश पूजा, जानें मुहूर्त, महत्व

शारदीय नवरात्रि की विनायक चतुर्थी अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाते हैं. यह अश्विन माह की विनायक चतुर्थी है. अश्विन के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक नवरात्रि मनाते हैं और इस बीच में ही विनायक चतुर्थी आती है. इस साल विनायक चतुर्थी के दिन रवि योग बन रहा है, उसमें ही भगवान गणेश जी की पूजा की जाएगी. उस दिन विशाखा नक्षत्र है. इस व्रत में चंद्रमा की पूजा नहीं करतें और अर्घ्य भी नहीं देते हैं. संकष्टी चतुर्थी के व्रत में चंद्रमा की पूजा अनिवार्य है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि विनायक चतुर्थी कब है? विनायक चतुर्थी पूजा का मुहूर्त और महत्व क्या है?

विनायक चतुर्थी 2024 तारीख
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार अश्विन शुक्ल चतुर्थी तिथि का शुभारंभ 6 अक्टूबर को सुबह 7 बजकर 49 मिनट पर हो रहा है. इस तिथि का समापन 7 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 47 मिनट पर होगा. इस बार विनायक चतुर्थी का व्रत 6 अक्टूबर रविवार को रखा जाएगा.

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विनायक चतुर्थी 2024 मुहूर्त
6 अक्टूबर को विनायक चतुर्थी की पूजा के लिए 2 घंटे 21 मिनट तक का मुहूर्त प्राप्त हो रहा है. गणेश जी की पूजा का शुभ समय सुबह 10 बजकर 58 मिनट से प्रारंभ हो रहा है, जो दोपहर 1 बजकर 19 मिनट तक रहेगा. इस मुहूर्त में आपको विनायक चतुर्थी की पूजा संपन्न कर लेनी चाहिए.

रवि योग में विनायक चतुर्थी 2024
अक्टूबर की विनायक चतुर्थी रवि योग में मनाई जाएगी. इस दिन रवि योग सुबह में 6 बजकर 17 मिनट से शरु है. जो पूरे दिन रहेगा. रवि योग का समापन देर रात 12 बजकर 11 मिनट पर होगा. रवि योग में भगवान भास्कर का प्रभाव अधिक होता है, जिसकी वजह से सभी प्रकार के दोष मिट जाते हैं.

इसके अलावा व्रत के दिन प्रीति योग और विशाखा नक्षत्र भी है. प्रीति योग विनायक चतुर्थी को पूरे दिन है. वहीं विशाखा नक्षत्र सुबह से लेकर देर रात 12 बजकर 11 मिनट तक है.

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विनायक चतुर्थी 2024 भद्रा का समय
विनायक चतुर्थी को रात के समय में भद्रा भी लग रही है. इस भद्रा का समय रात में 8 बजकर 51 मिनट से 7 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 17 मिनट तक है. इस भद्रा का वास स्वर्ग लोक में है, इसलिए इसका कोई अशुभ प्रभाव नहीं होगा और न ही कोई मांगलिक कार्य प्रभावित होगा.

विनायक चतुर्थी पर न देखें चंद्रमा
विनायक चतुर्थी के अवसर पर चंद्रोदय सुबह में 9 बजकर 15 मिनट पर होगा. चंद्रास्त शाम को 7 बजकर 53 मिनट पर होगा. इस दिन आपको चंद्रमा नहीं देखना चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्रमा को देखने से आप पर झूठे आरोप लग सकते हैं.

विनायक चतुर्थी व्रत का महत्व
विनायक चतुर्थी के दिन व्रत रखकर भगवान गणेश की पूजा विधि विधान से करने पर मनोकामनाएं पूरी होती हैं. गणपति बप्पा के अशीर्वाद से कार्य सफल होते हैं और उसमें आने वाली बाधाएं दूर होती हैं. जीवन में शुभता बढ़ती है.

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Tags: Dharma Aastha, Lord ganapati, Navratri festival, Religion


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