Thursday, December 19, 2024
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Vericose veins: वरिकोज़ वेन्स के कारण, लक्षण और उपचार को समझें

Vericose veins: वरिकोज़ वेन्स एक आम समस्या है जिसमें नसें फूल जाती हैं और नीली या गहरे बैंगनी रंग की हो जाती हैं. यह समस्या अधिकतर पैरों में देखने को मिलती है. इसके कारण खड़े होने या चलने में दर्द हो सकता है और यह अनाकर्षक भी लग सकता है.

कारण

वरिकोज़ वेन्स होने के कई कारण हो सकते हैं.

1. जनेटिक (वंशानुगत)- अगर आपके परिवार में किसी को यह समस्या है, तो आपके पास भी इसका खतरा हो सकता है.

2. लंबे समय तक खड़े रहना– जो लोग अपने काम के कारण लंबे समय तक खड़े रहते हैं, उन्हें यह समस्या अधिक होती है.

3. मोटापा- अधिक वजन होने से नसों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है.

4. गर्भावस्था- गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल बदलाव और बढ़ता वजन भी इसका कारण बन सकते हैं.

5. उम्र बढ़ना- उम्र बढ़ने के साथ नसों की दीवारें कमजोर हो जाती हैं और वे फूल जाती हैं.

लक्षण

वरिकोज़ वेन्स के लक्षण आसानी से पहचाने जा सकते हैं.

1. फूली हुई नसें- नसें दिखाई देने लगती हैं, जो आमतौर पर नीली या बैंगनी होती हैं.

2. दर्द और भारीपन- पैरों में दर्द और भारीपन महसूस होता है, खासकर लंबे समय तक खड़े रहने या बैठने पर.

3. सूजन- पैरों और टखनों में सूजन हो सकती है.

4. खुजली- प्रभावित जगहों पर खुजली और जलन हो सकती है.

5. ऐंठन- रात में पैरों में ऐंठन हो सकती है.

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उपचार

वरिकोज़ वेन्स का इलाज कई तरीके से किया जा सकता है:

1. जीवनशैली में बदलाव- वजन घटाना, नियमित व्यायाम करना, और लंबे समय तक खड़े रहने से बचना मददगार हो सकता है.

2. कॉम्प्रेशन स्टॉकिंग्स- ये विशेष प्रकार की जुराबें नसों पर दबाव बनाती हैं और रक्त प्रवाह को बेहतर बनाती हैं.

3. दवाएं- कुछ मामलों में डॉक्टर दर्द और सूजन कम करने के लिए दवाएं दे सकते हैं.

4. स्क्लेरोथेरेपी- इसमें नसों में एक विशेष तरल पदार्थ इंजेक्ट किया जाता है, जिससे वे सिकुड़ जाती हैं.

5. लेजर उपचार- लेजर किरणों से प्रभावित नसों को बंद किया जाता है.

6. सर्जरी- गंभीर मामलों में सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है, जिसमें प्रभावित नसों को हटाया जाता है.

वरिकोज़ वेन्स एक सामान्य समस्या है, लेकिन इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए. सही समय पर उपचार और जीवनशैली में सुधार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है. यदि आपको इसके लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और उचित उपचार प्राप्त करें. ध्यान रखें, स्वस्थ जीवनशैली और नियमित व्यायाम से इस समस्या से बचा जा सकता है.

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