Wednesday, November 27, 2024
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साल में एक नहीं 2 हैं वट सावित्री व्रत, आज है पहला तो दूसरा किस दिन? पंडित जी से जानें

आज 6 जून गुरुवार को वट सावित्री व्रत है. सुहागन महिलाएं अपने जीवनसाथी की लंबी आयु और सुखी दांपत्य जीवन के लिए वट सावित्री व्रत रखती हैं. इस व्रत में बरगद के पेड़, देवी सावित्री और सत्यवान की पूजा करते हैं. क्या आपको पता है​ कि वट सावित्री व्रत साल में एक बार नहीं, बल्कि दो बार होता है. पहला वट सावित्री व्रत आज है, लेकिन दूसरा कब है? क्या आप जानते हैं? केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र का कहना है कि वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ माह में ही दो बार पड़ता है. एक व्रत कृष्ण पक्ष में और दूसरा व्रत शुक्ल पक्ष में रखा जाता है. आइए जानते हैं ​इसके बारे में.

पहला वट सावित्री व्रत 2024
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, पहला वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ माह की अमावस्या को रखते हैं, जो आज 6 जून को है. पंचांग के आधार पर पहला वट सावित्री व्रत की आवश्यक अमावस्या तिथि 5 जून को 07:54 पीएम से 6 जून को 06:07 पीएम तक है.

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दूसरा वट सावित्री व्रत 2024
वट सावित्री का दूसरा व्रत ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रखा जाता है. उसे वट पूर्णिमा व्रत के नाम से भी जानते हैं.

कब है वट पूर्णिमा व्रत 2024?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, वट पूर्णिमा व्रत ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन है. पंचांग के आधार पर ज्येष्ठ पूर्णिमा की तिथि 21 जून गुरुवार को सुबह 07 बजकर 31 मिनट से प्रारंभ होगी. यह तिथि 22 जून शुक्रवार को प्रात: 06 बजकर 37 मिनट तक मान्य रहेगी. ऐसे में वट पूर्णिमा व्रत 21 जून गुरुवार को होगा.

वट सावित्री और वट पूर्णिमा का महत्व समान
इन दोनों ही व्रतों का महत्व जीवनसाथी की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन से जुड़ा है. इन दोनों व्रतों में 15 दिन का अंतर होता है. वट सावित्री व्रत उत्तर भारत के राज्यों में रखा जाता है, जबकि वट पूर्णिमा का व्रत महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत के राज्यों में रखा जाता है. इन दोनों ही व्रत में पतिव्रता सावित्री और सत्यवान की कथा पढ़ते हैं. देवी सावित्री पतिव्रता धर्म के बल पर अपने पति के प्राण यमराज से वापस लेकर आई थीं.

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शुभ योग और ज्येष्ठा नक्षत्र में है वट पूर्णिमा
इस साल 21 जून को रखा जाने वाला वट पूर्णिमा व्रत शुभ योग और ज्येष्ठा नक्षत्र में है. उस दिन वट वृक्ष की पूजा शुभ योग ​में की जाएगी. हालांकि उस दिन भद्रा 07:31 ए एम से 07:08 पी एम तक है. लेकिन इसका वास स्वर्ग और पाताल लोक में है. ऐसे में व्रत और पूजा करने की मनाही नहीं है.

Tags: Dharma Aastha, Religion, Vat Savitri Vrat


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