वट सावित्री व्रट सुहागिन महिलाओं के लिए खास माना जाता है.इस दिन बरगद के वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व है.
Vat Savitri Vrat 2024: हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत का बहुत महत्व माना जाता है और इस पर्व में मुख्य रूप से बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है और इसी वृक्ष की परिक्रमा भी की जाती है. हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को वट सावित्री व्रत रखा जाता है. इस बार 6 जून को यानी आज अमावस्या तिथि पड़ रही है, इसलिए इसी दिन वट सावित्री व्रत रखा जा रहा है. वट सावित्री व्रत करने से महिलाओं की हर मनोकामना पूरी होती है और सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है. लेकिन अगर आप पहली बार वट सावित्री व्रत रख रही हैं तो आपको कुछ विशेष बातों का ख्याल रखना होगा. आइए जानते हैं दिल्ली निवासी ज्योतिष आचार्य पंडित आलोक पाण्ड्या से कौन-कौन सी हैं वो बातें?
माता सावित्री ने रखा था व्रत
मान्यताओं के अनुसार इस दिन ही माता सावित्री ने व्रत रख अपने पति के प्राणों को यमराज से वापस लिया था. तभी से सभी सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए यह व्रत रखती हैं.
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– वट सावित्री व्रत के दिन पूजा के समय इन रंगों के कपड़े पहनें
अगर आप पहली बार वट सावित्री व्रत रख रही हैं तो पूजा करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आप काले, नीले या फिर डार्क रंग के कपड़े ना पहनें. मुख्य रूप से आप लाल, पीले, हरे, नारंगी या फिर गुलाबी रंगे के कपड़ पहन सकती हैं. इन से मिले-जुले रंग भी पहन सकती हैं क्योंकि ये रंग सकारात्मकता से भरे होते हैं.
वट सावित्री पूजा में करें सोलह श्रृंगार
अगर आपकी शादी को कुछ ही समय हुआ है और आप पहली बार वट सावित्री व्रत रखने जा रही हैं तो आपको सोलह श्रृंगार करके ही पूजा करनी चाहिए क्योंकि हर सुहागिन महिला को पूजन के दौरान हमेशा सोलह श्रृंगार करना चाहिए.
बरगद की टहनी या पत्ते न तोड़ें
वट सावित्रि व्रत में बरगद के वृक्ष की पूजा की जाती है और वह प्रमुख भी होता है. ऐसे में इस दिन बरगद की टहनी, पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए क्योंकि अगर आप ऐसा करते हो तो आपकी पूजा स्वीकार नहीं की जाएगी और आपको दोष भी लग सकता है.
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सही तरह से करें बरगद की परिक्रमा
बरगद की परिक्रमा सही दिशा में करनी चाहिए, यानी कि परिक्रमा हमेशा घड़ी की दिशा में ही की जाती है. आपको इस दिन बरगद के वृक्ष की 7 परिक्रमा करनी चाहिए और इसमें 7 बार ही धागा लपेटना चाहिए. भूलकर भी उल्टी दिशा में परिक्रमा ना करें. नहीं तो इसके नकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : June 6, 2024, 10:06 IST