Saturday, November 16, 2024
HomeReligionचाहते हैं मरीज जल्दी ठीक हो! अस्पताल निर्माण के दौरान अपनाएं वास्तु...

चाहते हैं मरीज जल्दी ठीक हो! अस्पताल निर्माण के दौरान अपनाएं वास्तु के ये नियम, डॉक्टर्स पर बढ़ेगा पेशेंट का भरोसा

हाइलाइट्स

अस्पताल में नर्सिंग होम के लिए पूर्वान्मुख या उत्तरोन्मुख सबसे अच्छा माना गया है.मरीजों को देखने के लिए डॉक्टर का कमरा उत्तर दिशा में होना चाहिए.

Vastu Tips For Hospital And Patient : हिन्दू धर्म में ज्योतिष शास्त्र और वास्तु शास्त्र का काफी महत्व है. जिसमें हर एक समस्या का समाधान दिया हुआ है. इनमें दिए गए उपायों को अपनाने से आपको अपनी समस्या से निजात मिल सकती है. आपने घर निर्माण या दुकान का निर्माण करते हुए कई वास्तु नियमों का ध्यान रखने की बात तो सुनी होगी लेकिन वास्तु इसके अलावा भी कई स्थानों पर अपना महत्व बताता है. उदाहरण के लिए आपने कभी ना कभी किसी अस्पताल में मरीज और चिकित्सक के बीच झगड़ा जरूर देखा होगा. वास्तु के अनुसार, यदि अस्पताल निर्माण के दौरान कुछ नियमों का ध्यान रखा जाए तो इन समस्याओं से बचा जा सकता है. आइए जानते हैं ध्यान देने वाली इन प्रमुख बातों के बारे में भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से…

अस्पताल निर्माण के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
– चिकित्सालय का मुख्य द्वार पूर्व दिशा, ईशान कोण या उत्तर में ही होना चाहिए.
– अस्पताल में नर्सिंग होम के लिए पूर्वान्मुख या उत्तरोन्मुख सबसे अच्छा माना गया है.
– मरीजों को देखने के लिए डॉक्टर का कमरा उत्तर दिशा में होना चाहिए.

यह भी पढ़ें – विवाह में आ रही है बाधा? गुप्त नवरात्रि में करें हल्दी के 3 उपाय, रिश्ता होगा पक्का, जल्द बजेगी शहनाई!

– जहां डॉक्टर बैठते हैं वह चैंबर इस तरह से तैयार कराएं कि बैठने के दौरान चिकित्सक का चेहरा पूर्व या उत्तर की दिशा की ओर हो.
– मरीजों के बैठने के लिए प्रतिक्षा कक्ष की दिशा दक्षिण सही मानी गई है.
– मरीजों का कमरा (वार्ड) उत्तर, पश्चिम, अथवा वायव्य कोण में होना सर्वोत्तम माना गया है.
– गंभीर मरीजों या इमरजेंसी मरीजों के लिए वार्ड उत्तर-पश्चिम में ही होना चाहिए, इस दिशा में मरीज इलाज के दौरान जल्दी ठीक होते हैं.
– वार्ड निर्माण के दौरान ध्यान रखें कि परीक्षण के समय मरीजों का सिर उत्तर दिशा में बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए. सिर पूर्व, पश्चिम या दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए.

– पीने के पानी की व्यवस्था ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व के कोण में हो तो अच्छा है.
– शौचालय पश्चिम या दक्षिण दिशा में रखें, वहीं स्नानघर पूर्व या उत्तर दिशा में बनाना चाहिए.
– नर्सिंग होम में आपरेशन थियेटर, पश्चिम दिशा में होना चाहिए, ध्यान रहे थिएटर में सर्जन का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए.
– अस्पताल में एक्सरे मशीन, ई.सी.जी., बिजली से चलने वाले अन्य उपकरणों का कमरा आग्नेय कोण में होना सही माना गया है.
– रोगियों के बिस्तर, परीक्षण मेज, डॉक्टर के बैठने की कुर्सी, आपरेशन टेबल के ऊपर बीम न हो. ऐसा माना जाता है कि, बीम के नीचे बैठने, लेटने से, स्वास्थ्य लाभ में देरी होती है.

यह भी पढ़ें – शाम को करते हैं दूध सहित इन 5 चीजों का दान? रुक जाएं और जान लें इससे होने वाले नुकसान, खोखली हो सकती है किस्मत!

– अस्पताल में सीढ़ियों का स्थान पश्चिम, नैऋत्य, आग्नेय या वायव्य कोण में बनाना चाहिए.
– नर्सिंग होम किसी भी दिशा में हो, लेकिन उसके फर्श का ढलान, पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना वास्तु के हिसाब से ठीक माना गया है.

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Vastu tips


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular