पूजा का शुभ समय – सुबह 09:15 एएम से करना शुभ फलदायी रहेगा. इस समय सर्वार्थ सिद्धि योग बना होगा.चंद्रमा के उदय का समय – 07:12 पीएम पर, इस समय से आप चंद्रमा को अर्घ्य दे सकते हैं.
वैशाख पूर्णिमा का व्रत और स्नान-दान आज है या कल? यह सवाल लोगों के मन में इसलिए भी आ रहा है क्योंकि वैशाख पूर्णिमा की तिथि आज 22 मई की शाम से लग जा रही है और कल 23 मई की शाम तक रहेगी. ऐसे में व्रत कब रखें और स्नान-दान कब किया जाए? अक्सर व्रत एक दिन पहले और स्नान-दान दूसरे दिन सूर्योदय के समय होता है. ऐसे इसलिए होता है क्योंकि स्नान-दान के लिए उदयातिथि की आवश्यकता होती है, वहीं व्रत के लिए पूर्णिमा तिथि में चंद्रोदय का होना जरूरी है. पूर्णिमा तिथि में चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत को पूरा किया जाता है. इस बार वैशाख पूर्णिमा पर 4 शुभ संयोग भी बन रहे हैं. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि वैशाख पूर्णिमा आज है या कल? वैशाख पूर्णिमा का व्रत कब रखें और स्नान-दान कब करें? वैशाख पूर्णिमा का मुहूर्त, पूजा विधि क्या है?
वैशाख पूर्णिमा 2024 आज या कल?
वैशाख पूर्णिमा का व्रत और स्नान-दान एक ही दिन है. वैशाख पूर्णिमा कल 23 मई को है. वैशाख पूर्णिमा की तिथि 22 मई को 06:47 पीएम से 23 मई को 07:22 पीएम तक है. पूर्णिमा की उदयातिथि और पूर्णिमा का चंद्रोदय दोनों ही 23 मई को प्राप्त हो रहे हैं. ऐसे में वैशाख पूर्णिमा का स्नान-दान और व्रत कल ही होगा.
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वैशाख पूर्णिमा पर बने 4 शुभ संयोग
इस साल की वैशाख पूर्णिमा पर 4 शुभ संयोग बन रहे हैं.
1. सर्वार्थ सिद्धि योग – 09:15 एएम से 24 मई को 05:26 एएम तक. यह सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए अच्छा योग माना जाता है.
2. शिव योग – 12:12 पीएम से 24 मई को 11:22 एएम तक.
3. विशाखा नक्षत्र – प्रात:काल से 09:15 ए एम तक, उसके बाद से अनुराधा नक्षत्र. विशाखा नक्षत्र के स्वामी बृहस्पति हैं.
4. वैशाख पूर्णिमा पर गुरुवार का दिन, भगवान विष्णु की पूजा के लिए उत्तम है और पूर्णिमा पर माता लक्ष्मी की भी पूजा करते हैं.
वैशाख पूर्णिमा 2024 मुहूर्त और चंद्रोदय
पूजा का शुभ समय – सुबह 09:15 एएम से करना शुभ फलदायी रहेगा. इस समय सर्वार्थ सिद्धि योग बना होगा.
अभिजीत मुहूर्त – 11:51 एएम से 12:46 पीएम तक
स्नान और दान का समय – 04:04 एएम से
चंद्रमा के उदय का समय – 07:12 पीएम पर, इस समय से आप चंद्रमा को अर्घ्य दे सकते हैं.
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वैशाख पूर्णिमा 2024 पूजा विधि
वैशाख पूर्णिमा के दिन सुबह में स्नान और दान करने के बाद शुभ मुहूर्त में घर पर सत्यनारायण भगवान की कथा का आयोजन कर सकते हैं. या फिर स्वयं एक चौकी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें. उसके बाद गंगाजल से अभिषेक करें.
भगवान विष्णु को पीले फूल, अक्षत्, चंदन, हल्दी, फल, तुलसी के पत्ते, पंचामृत, पीले वस्त्र आदि अर्पित करते हुए पूजन करें. वहीं माता लक्ष्मी को कमल पुष्प, लाल गुलाब, अक्षत्, सिंदूर, कमलगट्टा, बताशे, फल, श्रीफल आदि चढ़ाएं और पूजा करें. इस दौरान विष्णु सहस्रनाम और लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें. श्री सूक्त या कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें. माता लक्ष्मी को मखाने की खीर और भगवान विष्णु को चने की दाल और गुड़ का भोग लगाएं. मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की आरती करें.
लक्ष्मी नारायण की कृपा से आपकों जीवन में सुख, समृद्धि, धन और वैभव की प्राप्ति होगी. विष्णु जी और माता लक्ष्मी के आशीर्वाद से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी. दिनभर फलाहार पर रहें. शाम को चंद्रोदय होने पर चंद्र देव को अर्घ्य दें. एक लोटे में पानी, कच्चा दूध, अक्षत्, सफेद फूल आदि डालकर चंद्रमा को अर्घ्य दें. चंद्र देव के बीज मंत्र का जाप भी कर सकते हैं. इसके बाद वैशाख पूर्णिमा का व्रत पूरा करें. ऐसा करने से आपकी कुंडली का चंद्र दोष भी दूर होगा.
वैशाख पूर्णिमा पर क्या दान करें?
वैशाख पूर्णिमा के दिन स्नान करने के बाद चंद्रमा से जुड़ी वस्तुओं का दान करना उत्तम होता है. आप चावल, चीनी, बताशा, दूध, खीर, सफेद कपड़े, चांदी, मोती आदि का दान कर सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : May 22, 2024, 07:36 IST