सूर्य को जल अर्पित करने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है.शास्त्रों में सूर्य को जल चढ़ाने के सही नियम बताए गए हैं.
Offer Water to Sun in Vaishakh Maas : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य को जल अर्पित करने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है. अगर जातक सही नियम के साथ नियमित रूप से सूर्य को अर्घ्य देता है तो उसको जीवन में सफलता मिलने लगती है. उनके हर काम बनने लगते हैं. शास्त्रों में सूर्य को जल चढ़ाने के सही नियम बताए गए हैं. जिनका पालन जातक करें तो उन्हें बहुत लाभ हो सकता है. गलत तरीके से अर्घ्य देने पर कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर होने लगती है और परिणाम विपरीत मिलने लगते हैं. इस बारे में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा साथ ही बता रहे हैं किस धातु के बर्तन से जल अर्पित करना चाहिए.
किस धातु के बर्तन में सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए
वैशाख माह में सूर्य देव को अष्ट धातु के पात्र से जल अर्पित करना चाहिए. ऐसा करने से सूर्य देव की कृपा बनी रहती है. इसके साथ ही सूर्य ग्रह का प्रभाव भी शुभ होता है. अष्ट धातु में चांदी, तांबा, सीसा, लोहा, पारा, सोना इन सभी धातुओं का मिश्रण होता है. इससे जल चढ़ाने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं व शुभ फलों की प्राप्ति होती है. आपको हर कार्य में सफलता मिलती है.
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इसके अलावा चांदी का संबंध चंद्रमा से होता है. ऐसे में अगर आप वैशाख माह में सूर्य देव को अष्ट धातु में मिली चांदी से आपकी कुंडली में चंद्रमा की स्थिति भी मजबूत होती है. वहीं अगर किसी व्यक्ति को मानसिक तनाव है तो उससे भी उस व्यक्ति को मुक्ति मिलती है.
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अष्ट धातु में मिश्रित तांबे से व्यक्ति के जीवन में विवाह होने में जो बाधा उत्पन्न हो रही है वह भी दूर होती है. इसके साथ ही यदि किसी के वैवाहिक जीवन में कोई कष्ट है, तो वो भी धीरे-धीरे समाप्त होने लगते है, ऐसा इसलिए क्योंकि तांबे का संबंध मंगल ग्रह से होता है.
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FIRST PUBLISHED : May 12, 2024, 09:30 IST