Saturday, December 21, 2024
HomeEntertainmentulajh साइन करने की वजह जाह्नवी कपूर भी थी ..गुलशन देवैया ने...

ulajh साइन करने की वजह जाह्नवी कपूर भी थी ..गुलशन देवैया ने किया स्वीकार

ulajh इनदिनों सिनेमाघरों में प्रदर्शन कर रही है.इस फिल्म में जाह्नवी कपूर के साथ गुलशन देवैया की भी अहम् भूमिका है.अपने किरदार के साथ – साथ अपनी  को स्टार जहान्वी कपूर सहित अपने करियर पर गुलशन देवैया ने उर्मिला कोरी से बातचीत की. पेश है  बातचीत के प्रमुख अंश 

आप इसे अपने करियर का आप बेस्ट फेज कहेंगे?

हां ,2022 में दुरंगा से शुरू होकर अब तक. हां मैं इसे अपने अब तक के करियर का बेस्ट फेज कहूंगा. इससे आगे और अच्छा हो सकता है. यह भी मानता हूं.

अपनी सफलता क्रेडिट ओटटी को देंगे या खुद को? 

मैं खुद को देना चाहूंगा क्योंकि मैं अटल रहा. अपने दम पर मैंने अपनी जगह इंडस्ट्री में बनाई है तो यह बात मुझे एक प्राउड भी देती है. इसके साथ ही उन सारे लोगों को भी दूंगा, जिन्होंने मुझे बहुत अच्छी-अच्छी अपॉर्चुनिटी दी.
 इन 13 सालों में क्या कभी ऐसा भी वक्त आया कि लगा कि इंडस्ट्री छोड़ दूं?सेल्फ डाउट होता था कि कर पाऊंगा या नहीं कर पाऊंगा. इंडस्ट्री को छोड़ दूं,अब तक तो ऐसा नहीं सोचा.

 मैं कहीं पढ़ा था कि आपने साउथ की कई फिल्मों को मना किया है?

 हां मैंने साउथ ही नहीं हिंदी फिल्मों को भी मना किया है, जहां करने को कुछ  नहीं होता है. मैं वह काम सिर्फ पैसों के लिए नहीं कर सकता हूं  कि बड़ा घर मिल जाए.बड़ी गाड़ी हो जाए. मुझे लगता है कि इन सबके आगे भी जहां है. मुझे वह मिलेगा या नहीं मिलेगा मुझे नहीं पता, लेकिन मैं कोशिश करता रहता हूं.

उलझ में आपके लिए सबसे ज्यादा अपीलिंग क्या था?

 मुझे जो किरदार ऑफर किया जा रहा था. मुझे वह अच्छा लगा. मुझे लगा कि यह मेरी करियर के लिए भी अच्छा होगा. जंगली पिक्चर्स की फिल्म  मैं बधाई दो मैं छोटा सा रोल किया था. उन्हें वह बहुत पसंद आया था। जिसके बाद उन्होंने मुझे यह फिल्म ऑफर की थी.

 यह फिल्म थिएटर में रिलीज हुई है,  यह बात आपके लिए कितनी मायने रखती है?

बहुत मायने रखती है. मैं सिनेमा प्रेमी हूं.  मैं बड़े परदे पर  ही सिनेमा देखना और महसूस करना चाहता हूं, जब भी बड़े पर्दे पर आने का मौका मिलता है. मैं बड़ा खुश होता हूं.

को एक्टर के तौर पर आप जाह्नवी कपूर को किस तरह से परिभाषित करेंगे?

वह बहुत ही मेहनती लड़की है. अपने आप में ज्यादा रहती हैं. ज्यादा घुलती – मिलती मिलती नहीं है.

फिल्म का हिस्सा जाह्नवी कपूर है, फिल्म साइन करते  हुए यह फैक्टर कितना आपके लिए अहम था ?

हां, यह बात मायने रखती है कि  एक्टर कौन है. हमारे देश में लोग स्टार्स को देखकर थिएटर में फिल्में देखने जाते हैं.एक्टर  कौन है से लेकर  डिस्ट्रीब्यूशन, कितने लैंग्वेज में  फिल्म डब हो रही है. यह सब बातें भी मैं पता लगाता हूं क्योंकि यह सभी बातें फिल्म के लिए जरूरी होती है. इससे फिल्म को फायदा मिलता है, तो निश्चित रूप से मुझे भी फायदा मिलेगा.

आपने कहा कि लोग स्टार्स को देखने के लिए थिएटर आते हैं, अपने स्कूल या कॉलेज डेज में आप किस स्टार्स फिल्में मिस नहीं करते थे ?
मैं शाहरुख़ खान और गोविंदा की फिल्में मिस नहीं करता था.90 में उनकी रिलीज हुई हर फिल्म को मैं थिएटर में देखने जाता था.चाहे अच्छी हो या बुरी। मुझे लगता है कि 92 से 98  तक यह सिलसिला चला था.

उलझ  फिल्म इंडियन फॉरेन सर्विस पर है, रियल लाइफ कभी किसी सरकारी नौकरी के लिए तैयारी की थी ?

 मैं पढ़ाई में ना अच्छा था ना ज्यादा बुरा. मैं ठीक-ठाक था, लेकिन 11वीं 12वीं में मेरी रुचि पढ़ाई से बिल्कुल खत्म हो गई थी. उस वक्त मैं बहुत डरा हुआ था .मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मेरी जिंदगी का क्या होगा. यह चक्कर में मैं 12वीं में फेल हो गया था. किसी तरह फिर पढ़ाई करके पास हुआ. किसी ने मुझे नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फैशन के बारे में बताया.निफ्ट  में दाखिला  आसान नहीं होता है. एंट्रेंस एग्जाम देना पड़ता है. मैंने पहली ही बार में वह पास कर लिया था तो मुझे खुद में एक विश्वास आया. मेरे माता पिता की भी परेशानी कम हुई कि कुछ तो कर लेगा . मैं एक ही बच्चा था , तो अपने ही दुनिया में रहता था.12 वीं में फेल होने के बाद मुझे समझ आया.दोस्त इंजीनियरिंग और डॉक्टरी में दाख़िला ले रहे थे और मुझे अपना भविष्य कुछ नहीं दिख रहा था हालांकि उस वक़्त भी मैं एक्टर ही बनना चाहता था लेकिन हिम्मत नहीं और समझ भी नहीं थी कि क्या कैसे होगा .निफ़्ट में पढ़ाई और नौकरी के बाद मेरी सोच विकसित हुई और फ़ैसले ख़ुद से लेने लगा . 

आप बहुत बेबाक हैं ?

(बीच में रोकते हुए)मैं ही नहीं और भी लोग हैं. अनुराग कश्यप कुछ भी बोल देते हैं. कंगना रनौत कुछ भी बोल देती हैं. मैं तो किसी को चोट पहुंचाने के लिए नहीं बोलता हूं. लोगों को लगता है कि मैं सब कुछ बोल देता हूं लेकिन नहीं. मैं वही बोलता हूं जो मुझे लगता है कि बोलना चाहिए.मुझे लगता है कि शेयर करने से चीजें बदलती हैं.मैं निफ्ट से  संघर्ष करने के लिए आने में हिचक रहा था. उसी समय किसी एक परिचित ने कैमरामैन की  नौकरी  अपनी जॉब छोड़ दी , इस बात ने मुझे बहुत हिम्मत दी और मैंने इंडस्ट्री में स्ट्रगल  करने का फैसला किया। आप दूसरों के अनुभव सीखते हो प्रभावित होते हो. मैं तो अपनी निजी जिंदगी के बारे में भी बात करता हूँ. मेरी पत्नी मेरा तलाक हो गया था लेकिन अपने रिश्ते को फिर से रिवाइव कर रहे हैं.इंडस्ट्री के बारे में लोग कहते हैं कि आजकल यहाँ फॉलोवर्स देखकर काम दिया जाता है. मैं उनको कहता हूं कि ऐसा नहीं है।  अगर ऐसा होता तो मुझे कभी काम नहीं मिलता था क्योंकि सोशल मीडिया मीडिया पर मेरे डेढ़ लाख फॉलोवर्स होंगे.इंडस्ट्री की अच्छी बुरी दोनों बात मैं रखता हूं.


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular