Personal Loan: आज के आधुनिक दुनिया में लोन लेना काफ़ी सामान्य हो गया है.एक वक्त हुआ करता था जब लोग लोन शब्द सुनकर डर जाते थे और इसे बड़ा जटिल कार्य समझते थे.लेकिन आज के वक्त में हर छोटे बड़े जरूरतों के लिए लोन लिया जाता है. लोग कई उद्देश्य के लिए लोन लेते है जैसे शादी, यात्रा, घर खरीदना, उच्च शिक्षा और कई अन्य कारण. अगर हम लोन की चर्चा करते हैं तो सबसे ज्यादा लिए जाने वाले लोन में पर्सनल लोन आता है.तो आइए समझते हैं पर्सनल लोन से जुड़ी सारी बातें और भारत के टॉप पर्सनल लोन.
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क्या होता है पर्सनल लोन
पर्सनल लोन यानी वह लोन जिसमें आवेदकों को कोई गारंटी या सिक्योरिटी जमा करने की जरूरत नहीं होती है. पर्सनल लोन लेते वक्त आवेदकों को कुछ गिरवी रखने की जरूरत नहीं होती है. पर्सनल लोन एक अनसिक्योर्ड लोन है जिसमें किसी भी गारंटी की जरूरत नहीं होती. कोई भी बैंक या एनबीएफसी आमतौर पर यह लोन एक से पांच साल तक की अवधि के लिए देते हैं. इस लोन के उपयोग से किसी भी तरह की वित्त जरूरते पूरी की जा सकती है जैसे मेडिकल इमरजेंसी ,शादी, ट्रैवल आदि.
टॉप 10 Personal Loan प्लान्स
पर्सनल लोन प्लान्स | ब्याज दर |
HDFC बैंक पर्सनल लोन | 10.50% |
आईसीआईसीआई बैंक पर्सनल लोन | 10.50% |
बजाज फिनसर्व पर्सनल लोन | 13.00% |
फुलरटन इंडिया पर्सनल लोन | 11.99% |
इंडसइंड बैंक पर्सनल लोन | 10.49% |
कोटक पर्सनल लोन | 10.99% |
स्टैण्डर्ड चार्टर्ड पर्सनल लोन | 11.49% |
सेण्ट पर्सनल लोन | 10.75% |
बंधन बैंक पर्सनल लोन | 10.50% |
SBI क्विक पर्सनल लोन | 10.10% |
Personal Loan लेते वक्त किन बातों का रखें ध्यान
- जरूरतों का आकलन-लोन लेने से पहले यह सुनिश्चित करना आवश्यक होता है कि आपको लोन की जरूरत है या नहीं. आप इस लोन को चुकाने के लिए सक्षम होंगे या नहीं? क्या आपके पास ऋण चुकाने का पर्याप्त आय हैं. यह लोन आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव तो नहीं डालेगा.
- अपने क्रेडिट स्कोर को चेक करना -क्रेडिट स्कोर किसी भी व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री की तीन अंको की संख्या है और यह लोन प्रकारों और बैंकों में किसी व्यक्ति की साख और वित्त स्थिति को तय करने में मदद करता है. इसलिए अपने क्रेडिट स्कोर को समझना आवश्यक होता है क्योंकि यह आपकी पात्रता और ब्याज दर को प्रभावित करता है.जब भी हम कोई नया लोन लेते हैं तो यह आपके क्रेडिट स्कोर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है यदि पेमेंट सही वक्त पर किया जाए. लेकिन लेट पेमेंट से क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है इसलिए लोन चुकाने की एक स्पष्ट योजना रखनी चाहिए.
- विभिन्न लैंडर्स के लोन की तुलना करें-कोई भी लोन लेने से पहले विभिन्न ऋणदाताओं की ब्याज दरो, शुल्कों और शर्तों की तुलनात्मक समीक्षा करें. केवल कम इंटरेस्ट रेट से प्रभावित न हो बल्कि अन्य कारकों को भी देखें जैसे लोन की अवधि पूर्व भुगतान शुल्क और लेंडर की प्रतिष्ठा. ब्याज दरों की आकलन सही से करें क्योंकि यह सीधे लोन की कुल लागत को प्रभावित करता है.
- आपका लोन चुकाने की क्षमता-किसी भी लोन को लेने से पहले यह आकलन करना आवश्यक होता है कि आप कितना लोन चुका सकते हैं. अपनी मंथली इनकम के हिसाब से यह कैलकुलेट करना चाहिए कि यह लोन आपके बजट में फिट होता है या नहीं.
- लोन की शर्तों का रखें ध्यान-लोन लेने से पहले सभी शर्तों और दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ना चाहिए ताकि लेंडर के आवेदन शुल्क, प्रोसेसिंग शुल्क या प्री पेमेंट पेनल्टी जैसी बातों के बारे में पता चल सके.
- जरूरत के अनुसार ले लोन- लोन लेते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि आप उतनी ही रकम उधार ले जिसकी आपको जरूरत है. किसी भी प्रकार की अनावश्यक लोन से बचने का प्रयास करें. वरना आप कर्ज के जाल में फंस सकते है.
- लागत की जांच-कोई भी लोन लेने से पहले लेंडर की सभी प्रकार के लागत को समझ लेना चाहिए. ताकि आपको किसी भी प्रकार के छिपी हुई लागत का भुगतान न करना पड़े.
- आपातकालीन फंड -केवल लोन पर निर्भर हुए बिना अप्रत्याशित खर्चों को संभालने के लिए इमरजेंसी फंड रखना चाहिए. और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके पास लोन पेमेंट को कवर करने के लिए एक स्थिर आय हो.
- लुभाने वाले ऑफरो से बचे -मार्केट में कई प्रकार के लैंडर्स है जो आपको कम इंटरेस्ट रेट का झांसा देकर लोन ट्रैप में फंसा सकते हैं. इसीलिए लोन लेने से पहले लेंडर की क्रेडिबिलिटी को जांच लेना चाहिए.
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