Power Management: बरसात के दिनों में थर्मल पावर प्लांटों में कोयले की कमी से अब बिजली का उत्पादन ठप नहीं होगा. बीते बरसों में बिजली उत्पादक थर्मल पावर प्लांटों को समय पर कोयले की आपूर्ति नहीं होने की वजह से देश में बिजली संकट की स्थिति पैदा हो गई थी. इन समस्याओं से सबक लेते हुए सरकार ने अभी से ही थर्मल पावर प्लांटों के उत्पादन को बरसात के दौरान अबाध तरीके से जारी रखने के लिए कोयला का जुगाड़ करना शुरू कर दिया है. खबर है कि कोयला मंत्रालय ने थर्मल पावर प्लांटों को बरसात के मौसम में कोयले का पर्याप्त भंडार बनाए रखने की योजना बनाई है.
थर्मल पावर प्लांटों में पर्याप्त मात्रा में कोयला मौजूद
आम तौर पर बरसात के मौसम में रेल सेवा बाधित होने की वजह से मालवाहक ट्रेनों के जरिए थर्मल पावर प्लांटों को समय पर कोयले की आपूर्ति नहीं हो पाती है. इसके चलते इस मौसम में बिजली का उत्पादन प्रभावित होता है और फिर बिजली संकट पैदा हो जाता है. मामले से जुड़े आधिकारिक सूत्रों ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि हाल ही में कोयला, बिजली तथा रेलवे की अंतर-मंत्रालयी समिति के स्तर पर राज्य बिजली उत्पादक कंपनियों के साथ उप-समूह की बैठक की गई. इसमें यह पाया गया कि देश के सभी थर्मल पावर प्लांटों में कोयले का पर्याप्त भंडार है. उप-समूह की बैठकों में साप्ताहिक आधार पर कोयला आपूर्ति तथा रसद मुद्दों पर चर्चा की जाती है.
परिवहन व्यवस्था मजबूत
सूत्र ने बताया कि इस साल कोयले का उत्पादन पिछले साल की तुलना में 7.26 फीसदी बढ़ रहा है. इसके साथ ही, थर्मल पावर का उत्पादन 8.78 फीसदी और कोयला आपूर्ति 8.45 फीसदी की दर से बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए थर्मल पावर की बढ़ती जरूरत के मद्देनजर कोयले की बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त परिवहन व्यवस्था मजबूत है.
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15 मई तक 14.7 करोड़ टन कोयले का भंडारण
‘पिट-हेड’ (खनन गड्ढे) पर मौजूद और टीपीपी को भेजे जा रहे कोयले का कुल भंडारण 15 मई 2024 को 14.7 करोड़ टन था, जो सालाना आधार पर 25 फीसदी अधिक है. यह पिछले वित्त साल के इसी दिन तक 11.7 करोड़ टन था. वित्त वर्ष 2023-24 में कोल इंडिया लिमिटेड का उत्पादन 10 फीसदी बढ़कर 77.36 करोड़ टन हो गया, जो उत्पादन लक्ष्य 78 करोड़ टन से थोड़ा कम है. कोल इंडिया का उत्पादन वित्त वर्ष 2022-23 में 70.32 करोड़ टन था.
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