Teachers Day Special: हम सभी के जीवन में शिक्षकों की भूमिका सबसे अलग है. अगर हम आज अपने-अपने क्षेत्र में सफल हैं, तो कहीं न कहीं किसी गुरु का आशीर्वाद ही है. जिस तरह एक कुम्हार मिट्टी को तराश कर एक अनोखा रूप देता है, उसी तरह एक गुरु अपने शिष्य को तराश कर योग्य नागरिक बनाता है. आज अगर दुनियाभर में क्रिकेट में भारत की धाक है, तो इसके पीछे गुरुओं का ही हाथ रहा है. अगर गुरु नहीं होते तो टीम इंडिया को सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी, सौरव गांगुली, सुनील गावस्कर, राहुल द्रविड़, विराट कोहली, रोहित शर्मा जैसा क्रिकेटर नहीं मिलता. तो आइये इस शिक्षक दिवस के मौके पर टीम इंडिया के स्टार खिलाड़ियों के गुरुओं को जानें.
सचिन तेंदुलकर
सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान कहा जाता है. उन्हें खेल के क्षेत्र में पहली बार भारत रत्न से नवाजा गया. सचिन तेंदुलकर के नाम क्रिकेट में कई रिकॉर्ड दर्ज हैं. सचिन को मास्टर ब्लास्टर बनाने में एक गुरु का ही हाथ रहा है. अगर गुरु रमाकांत आचरेकर नहीं होते हो सचिन को शायद ही दुनिया पहचान पाती. रमाकांत आचरेकर ने ही सचिन की प्रतिभा को पहचाना और क्रिकेट की बारीकियों को सिखाया. जब सचिन नेट्स पर बल्लेबाजी करते-करते थक जाते तो रमाकांत आचरेकर स्टंप पर सिक्का रख देते. सचिन को आउट करने वाले को वह सिक्का मिल जाता था. आचरेकर सचिन के अलावा, विनोद कांबली, प्रवीण आमरे, बलविंदर सिंह संधू जैसे स्टार खिलाड़ियों के भी कोच रहे हैं. शिक्षक दिवस के मौके पर सचिन हमेशा रमाकांत आचरेकर को याद करते हैं.
महेंद्र सिंह धोनी
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और कैप्टन कुल महेंद्र सिंह धोनी को आज पूरी दुनिया प्यार करती है. धोनी आज इंटरनेशनल क्रिकेट से भले ही संन्यास ले चुके हैं, लेकिन उनका क्रेज थोड़ा भी कम नहीं हुआ है. धोनी एक छोटे से शहर रांची से निकलकर दुनिया भर में फेमस हुए. माही को धोनी बनाने में कई गुरुओं का हाथ रहा है. क्लब क्रिकेट में धोनी को चंचल भट्टाचार्य ने कोचिंग दी थी. चंचल दा ने ही धोनी को शुरुआती दिनों में क्रिकेट के गुर सिखाए थे. हालांकि धोनी को क्रिकेटर बनाने में उनके स्कूल के शिक्षक केआर बनर्जी की बड़ी भूमिका रही है. धोनी का बचपन में फुटबॉल की ओर झुकाव था. लेकिन केआर बनर्जी ने ही उन्हें फुटबॉल से क्रिकेट की ओर लेकर आए. केआर बनर्जी नहीं होते तो धोनी आज क्रिकेट नहीं बल्कि फुटबॉल खेलते नजर आते.
विराट कोहली
विराट कोहली को दुनियाभर में ‘रन मशीन’ के नाम से जाना जाता है. कोहली की बल्लेबाजी को शायद ही कोई नापसंद करता हो. कोहली को ‘विराट’ बनाने में उनके बचपन के कोच राजकुमार शर्मा का खास रोल रहा है. विराट कोहली भी अपने बचपन के कोच राजकुमार को कभी नहीं भूलते. हाल के दिनों में कोहली ने अपने कोच को स्कोडा रैपिड कार तोहफे में दिया था. राजकुमार शर्मा को 2016 में द्रोणाचार्य अवार्ड से भी नवाजा गया था.
रोहित शर्मा
टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा की बल्लेबाजी का खौफ दुनियाभर के गेंदबाजों में है. जब रोहित का बल्ला चलता है, तो उनके सामने दिग्गज से दिग्गज गेंदबाज घुटने टेक देता है. रोहित शर्मा के नाम वनडे में 264 रन का वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज है. 2014 के बाद कोई भी क्रिकेटj इस रिकॉर्ड को नहीं तोड़ पाया है. रोहित शर्मा को आज अगर दुनिया जानती है, तो इसके पीछे उनके बचपन के कोच दिनेश लाड का हाथ रहा है. बचपन में रोहित शर्मा के पास पैसे नहीं थे. पैसे के कारण उनकी पढ़ाई रूक जा रही थी, लेकिन कोच दिनेश लाड ने रोहित शर्मा को स्कूल में एडमिशन कराया. कोच ने रोहित से फी नहीं लेने की गुजारिश भी की थी. उन्होंने छोटी उम्र में ही रोहित शर्मा की प्रतिभा को भांप लिया था.