Tata Steel ने झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में स्थित अपनी नोवामुंडी लौह खदान में पहली बार पूरी तरह से महिलाओं की पाली का संचालन शुरू किया है. कंपनी ने इसे भारत में अपनी तरह की पहली पहल बताया है.
महिलाओं की खनन गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी
कंपनी के बयान के अनुसार महिला कर्मचारी खनन से जुड़ी सभी प्रमुख गतिविधियों में शामिल हैं. इनमें भारी मिट्टी हटाने वाली मशीनरी जैसे शॉवल, लोडर, ड्रिल और डोजर का संचालन और पाली की देखरेख शामिल है.
समान कार्यस्थल और महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम
टाटा स्टील ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य एक समान कार्यस्थल का निर्माण करना और खनन जैसे पारंपरिक पुरुष-प्रधान उद्योगों में महिलाओं को सशक्त बनाना है.
पहल का शुभारंभ और इसके महत्व
सोमवार को टाटा स्टील के खान सुरक्षा उप महानिदेशक (एसई क्षेत्र, रांची) श्याम सुंदर प्रसाद ने पूर्ण रूप से महिलाओं की पाली की शुरुआत की.
Tata Steel का दृष्टिकोण
टाटा स्टील के उपाध्यक्ष डी बी सुंदर रामम ने कहा “पूरी तरह महिलाओं की पाली न केवल कंपनी के लिए, बल्कि भारतीय खनन उद्योग के लिए भी एक ऐतिहासिक उपलब्धि है. यह महिलाओं की क्षमता और रुढ़ियों को तोड़ने का प्रमाण है.”
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