Friday, November 22, 2024
HomeSportsT20 World Cup: भारत के स्टार अमेरिका की तरफ से टी20 वर्ल्ड...

T20 World Cup: भारत के स्टार अमेरिका की तरफ से टी20 वर्ल्ड कप में मचा रहे हैं धूम, जानें डिटेल्स

T20 World Cup 2024: क्रिकेट के नौसिखिया खिलाड़ी संयुक्त राज्य अमेरिका ने गुरुवार को पाकिस्तान को हराकर विश्व क्रिकेट को चौंका दिया है. टीम अमेरिका की जरूर है, लेकिन भारतीय सितारे इसमें टिमटिमा रहे हैं. यहां तक कि अमेरिका की टीम का कप्तान भी भारतीय मूल का है. पाकिस्तान के खिलाफ सुपर ओवर में कमाल करने वाला सौरभ नेत्रवलकर भी भारत के ही है. यह खिलाड़ी भारत की ओर से 2010 में अंडर-19 वर्ल्ड कप भी खेल चुका है. भारतीय क्रिकेट में इतना कंपटिशन है कि कई खिलाड़ियों को मौका नहीं मिलता. ऐसी स्थिति में खिलाड़ी दूसरे देशों की ओर से खेलते हैं. सौरभ भगवान शंकर के बहुत बड़े भक्त हैं और उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. चलिए आपको बताते हैं कि अमेरिका की टीम में कौन-कौन से भारतीय हैं, जो धूम मचा रहे हैं.

मोनांक पटेल

अहमदाबाद में जन्मे यूएसए के कप्तान मोनांक पटेल को अर्धशतकीय पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया. वह उन चुनिंदा लोगों में से है जो क्रिकेट में कैरियर बनाने के लिए अमेरिका में आ बसे. उन्हें 2010 में ग्रीन कार्ड मिला और 2016 में वह न्यूजर्सी में बस गए. राष्ट्रीय टीम के लिए नहीं खेलने के दौरान वह सप्ताह में तीन दिन भारतवंशी बच्चों को क्रिकेट के गुर सिखाते हैं और कोचिंग क्लीनिक लगाते हैं. शुरुआत में भारत में टर्फ पिचें अधिक नहीं थी और मोनांक ने मैट पर भी काफी खेला है.

T20 World Cup: बाबर आजम ने तोड़ा विराट कोहली का वर्ल्ड रिकॉर्ड, इस मामले में निकले आगे

सौरभ नेत्रवलकर

पाकिस्तान के खिलाफ सुपर ओवर डालने वाले सौरभ नेत्रवलकर ने मोहम्मद रिजवान और इफ्तिखार अहमद के विकेट लिए. उन्होंने 2010 में इंग्लैंड के अंडर 19 क्रिकेटरों जोस बटलर, जो रूट, बेन स्टोक्स को गेंदबाजी की जो न्यूजीलैंड में विश्व कप खेल रहे थे. नेत्र उस समय जयदेव उनादकट और पंजाब के संदीप शर्मा के साथ गेंदबाजी करते थे. लेकिन मुंबई में सिर्फ अच्छा होना ही काफी नहीं होता बल्कि सर्वश्रेष्ठ होना पड़ता है. कम्प्यूटर विज्ञान में इंजीनियरिंग करने के बाद नेत्र को अमेरिका की कोर्नेल यूनिवर्सिटी में एमएस करने के लिए वीजा मिला. वह क्रिकेट से कभी अलग नहीं हो सके और अमेरिकी क्रिकेट में हर स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करके उन्होंने सुर्खियां बटोरी. क्रिकेट से इतर वह सिलिकॉन वैली में ओरेकल के दफ्तर में सीनियर इंजीनियर हैं.

हरमीत सिंह

अंडर 19 विश्व कप 2012 में उनके प्रदर्शन को देखते हुए इयान चैपल उन्हें भारतीय टीम में देखना चाहते थे लेकिन वह कालांतर में रास्ता भटक गए. रेलवे स्टेशन के भीतर कार लेकर जाने पर पुलिस ने उन्हें पकड़ा और अनुशासनहीनता को लेकर मुंबई क्रिकेट ने उनसे मुंह मोड़ लिया. वह त्रिपुरा चले गए लेकिन कामयाबी नहीं मिली. इसके बाद उन्होंने अमेरिका जाने की सोची जो सही फैसला साबित हुआ. उन्होंने अपनी लय हासिल की और बांग्लादेश के खिलाफ हालिया श्रृंखला में शानदार प्रदर्शन किया. अब वह अमेरिका के लिए टी20 वर्ल्ड कप खेल रहे हैं.

नोस्तुष केंजिगे

तमिल मूल के अमेरिकी केंजिगे अपने माता पिता के साथ ऊंटी छोड़कर अमेरिका आ बसे थे. तेरह वर्ष की उम्र में स्पिनर बनने से पहले वह बाएं हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज थे. जब वह 18 वर्ष के हुए तो उनके माता पिता ने उन्हें बेंगलुरू भेज दिया जहां उन्हें केएससीए का प्रथम डिविजन लीग खेला. उन्हें अहसास हो गया कि कर्नाटक की टीम में भी जगह बनाना मुश्किल है तो वह अमेरिका लौट आए और बायो मेडिकल इंजीनियरिंग में कोर्स किया. वह जब लौटे तो उनके सामान में क्रिकेट की किट नहीं थी लेकिन उनकी मां ने उनके सूटकेस में गेंद रख दी थी. वॉशिंगटन में नौकरी के दौरान वह स्क्वाश खेला करते थे और वहीं उन्हें न्यूयॉर्क में क्लब क्रिकेट के बारे में पता चला. उन्होंने नौकरी छोड़ी और आईसीसी के डब्ल्यूसीए डिविजन 4 में अमेरिका के लिये खेले.

मिलिंद कुमार

मिलिंद कुमार ने जब खेलना शुरू किया तो सभी को लगा कि दिल्ली को उम्दा खिलाड़ी मिल गया है लेकिन सात साल के भीतर वह रणजी ट्रॉफी में पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ खेलते दिखे. वह प्लेट लीग में सिक्किम टीम के लिए खेलने लगे लेकिन 1300 रन बनाकर भी कैरियर आगे नहीं बढ़ा. कोरोना के बाद वह अमेरिका चले गए और घरेलू टूर्नामेंट खेलने लगे. दिल्ली के लिए खेलने के दिनों में भी वह चुस्त फील्डर थे और टी20 विश्व कप में सुपर ओवर में इफ्तिखार अहमद का दर्शनीय कैच लपककर उन्होंने इसकी बानगी दी.

नीतिश कुमार

भारत हो या अमेरिका, नीतिश कुमार के लिए यह अच्छा समय है. 2011 में जब महेंद्र सिंह धोनी के छक्के ने भारत को विश्व कप दिलाया और विराट कोहली उभरते सितारे थे तब स्कूल में पढने वाले नीतिश ने कनाडा के लिए जिम्बाब्वे के खिलाफ 16 वर्ष 283 दिन की उम्र में 50 ओवरों का विश्व कप खेलकर सबसे युवा खिलाड़ी होने का विश्व रिकॉर्ड बनाया था. तेरह साल बाद हारिस रऊफ की आखिरी गेंद पर उनका चौका उनके कैरियर का सबसे सुनहरा पल था.

जसप्रीत जेस्सी सिंह

न्यूजर्सी में जन्मे और पंजाब के पिंड में बड़े हुए जसप्रीत मौके की तलाश में किशोर उम्र में अमेरिका लौटे थे. उन्हें 2015 में वेस्टइंडीज खेलने गई अमेरिकी टीम से बाहर कर दिया गया. इसके बाद उन्होंने कठोर मेहनत शुरू की और 2016 में श्रीलंका में प्रथम श्रेणी मैच खेलकर उन्होंने अपने खेल को निखारा. पाकिस्तान के अली खान के साथ वह अमेरिका के तेज आक्रमण की धुरी हैं. उन्होंने बाबर आजम का कीमती विकेट लिया.


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular