इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को लगने जा रहा है. उससे पहले साल का अंतिम चंद्र ग्रहण 18 सितंबर को लगेगा. ये दोनों ही ग्रहण धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या के दिन लगता है, जबकि चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन लगता है. ये चंद्र ग्रहण पितृ पक्ष के प्रारंभ वाले दिन और सूर्य ग्रहण समापन के दिन लगेगा. जब ग्रहण लगता है तो उसका सूतक काल भी शुरू होता है. सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले और चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले ही लगता है, जो ग्रहण के खत्म होने के साथ ही समाप्त होता है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण कब लगेगा? सूर्य का समय और सूतक काल क्या है? यह सूर्य ग्रहण कहां-कहां दिखाई देगा?
साल 2024 का अंतिम सूर्य ग्रहण की तारीख
इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर दिन बुधवार को लगने वाला है. उस दिन आश्विन अमावस्या है. इसके साथ ही उस दिन सर्व पितृ अमावस्या है, उस दिन अज्ञात पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान आदि किया जाता है.
यह भी पढ़ें: 16 सितंबर को सूर्य का गोचर, कन्या समेत 4 राशिवालों के आएंगे सुनहरे दिन, मिलेगी उपलब्धि, यश-कीर्ति में वृद्धि!
अंतिम सूर्य ग्रहण का समय क्या है?
भारतीय समय के अनुसार, 2 अक्टूबर को रात 9 बजकर 13 मिनट से सूर्य ग्रहण प्रारंभ होगा और इसका समापन अगले दिन 3 अक्टूबर को तड़के 3 बजकर 17 मिनट पर होगा.
सूर्य ग्रहण 2024 सूतक काल
सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले ही लग जाता है, इस आधार पर देखा जाए तो इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल सुबह 9 बजकर 13 मिनट से लगना चाहिए. लेकिन इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा. कहने का मतलब यह है कि इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल नहीं लगेगा.
कहां-कहां दिखाई देगा अंतिम सूर्य ग्रहण?
इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण चिली और अर्जेंटीना में पूर्ण रूप से देखा जा सकेगा. पेरू, न्यूजीलैंड, फिजी, ब्राजील, मैक्सिको, उरुग्वे, अमेरिका, परागुआ, इक्वेडोर, अंटार्कटिका, टोंगा आदि जगहों पर आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा.
भारत में कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण?
यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इस वजह से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा.
यह भी पढ़ें: कब है अनंत चतुर्दशी? उस दिन होगा गणेश विसर्जन, जान लें तारीख, मुहूर्त और महत्व
क्यों लगता है सूर्य ग्रहण?
विज्ञान के अनुसार, जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है तो उस समय चंद्रमा के कारण पृथ्वी पर सूर्य का प्रकाश नहीं पहुंच पाता है, इस घटना को सूर्य ग्रहण कहते हैं. ऐसे ही जब चंद्रमा और सूर्य के बीच पृथ्वी आ जाती है तो उस समय चंद्र ग्रहण लगता है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पापी ग्रह राहु और केतु सूर्य या चंद्रमा का ग्रास करने आते हैं, उस समय ग्रहण लगता है. ग्रहण के समय में पूजा, पाठ, भोजन बनाना, खाना, सोना आदि वर्जित होता है. मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं. ग्रहण के खत्म होने के बाद मंदिर और घर की सफाई करते हैं, उसके बाद स्नान और दान करते हैं.
Tags: Dharma Aastha, Solar eclipse, Surya Grahan
FIRST PUBLISHED : September 10, 2024, 08:25 IST