पटना. बीते मंगलवार को ग्रहों के राजा कहे जाने वाले सूर्य ने अपनी चाल बदली है. मेष राशि से गोचर करते हुए अब उन्होंने शत्रु राशि कहे जाने वाले वृष में प्रवेश किया है. इस वजह से आकाश मंडल के ग्रह गोचर से वृष राशि में सूर्य, बृहस्पति, सिंह राशि में चन्द्रमा, कन्या राशि में केतु, कुंभ राशि में शनि तो मीन राशि में अंगारक योग बनाकर मंगल और राहु ग्रह विराजमान हैं. यह शुभ संकेत नहीं है. इतना ही नहीं, आने वाले 19 मई को शुक्र ग्रह भी वृष राशि में प्रवेश करेंगे. यहां बृहस्पति पहले से ही विराजमान हैं. इससे त्रिग्रही योग बनने वाला है.
ग्रहों की इस चाल को देखते हुए पटना के मशहूर ज्योतिषविद् डॉ. श्रीपति त्रिपाठी ने चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि ग्रहों के इस चाल से आने वाले दिनों में गर्मी में बढ़ोतरी, आगजनी, फसल को नुकसान होने की आशंका है. इस योग का असर अगले एक महीने तक तेज गर्मी के साथ-साथ आंधी-तूफान के तौर पर दिखेगा.
पड़ेगा यह असर
डॉ. श्रीपति के अनुसार ग्रहों के राजा सूर्य देव अगले एक महीने तक वृष राशि में रहेंगे. इस बीच बिहार सहित देश के कई स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है. गर्मी में भी बढ़ोतरी होने की संभावना है. लेकिन रीयल एस्टेट के कारोबार करने वालों पर धन वर्षा होने वाली है. इसके अलावा बाजारों में तेजी के साथ ही व्यापार में बढ़ोतरी होगी. प्राकृतिक आपदा के साथ भूकंप, वायुयान दुर्घटना आदि होने की भी आशंका है. नई सरकार के मंत्रिमंडल में नए नाम सामने आ सकते हैं. साथ ही भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनेगी
सूर्य के चाल का प्रभाव गजब
सूर्य को ग्रहों का राजा कहा जाता है. इनके ग्रह परिवर्तन से नुकसान तो है लेकिन फायदा भी लोगों को मिलने वाला है. ज्योतिषविद डॉ. श्रीपति के अनुसार सूर्य के राशि बदलाव करने से 6 राशियां भी प्रभावित होंगी. ज्योतिष में सूर्य को तेज, मान-सम्मान और यश, उच्च पद-प्रतिष्ठा का कारक ग्रह माना गया है. सूर्य की अपनी राशि सिंह है और तुला में जाकर वो नीच के हो जाते हैं. वहीं मेष राशि में उच्च के होते हैं. उच्च भाव में ग्रह अधिक मजबूत और बलशाली होते हैं, जबकि नीच राशि में ये कमजोर हो जाते हैं.
क्या करें उपाय
वैसे लोग जिनके कुण्डली में ग्रहों के राजा सूर्य देव पीड़ित और निर्बल हैं, उन्हें अपने पिता का आशीर्वाद लेना लाभकारी है. सूर्य भी सबके पिता समान हैं. जो पिता का सम्मान करते हैं, उन पर सूर्य भगवान की कृपा होती है. ऐसे लोगों को प्रतिदिन सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए. इसके साथ ही हर रविवार को उपवास रखने के साथ ही रोज उगते सूर्य को अर्घ्य देना फलदायक साबित हो सकता है. साथ ही भगवान सूर्य की स्तुति और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ भी करना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : May 18, 2024, 05:01 IST