Suhas Subramanyam: सुहास सुब्रमण्यम ने वर्जीनिया से कांग्रेस ( अमेरिकी संसद) के लिए चुने जाने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी बनकर इतिहास रच दिया है. वर्जीनिया के 10वें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट में उनकी जीत एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो उन्हें ईस्ट कोस्ट से पहले भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी (निर्वाचित) के रूप में चिह्नित करती है. इस उपलब्धि ने सुहास सुब्रमण्यम को “समोसा कॉकस” में भी शामिल किया है, जो कांग्रेस के भारतीय-अमेरिकी सदस्यों को प्यार से इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है. सुबास सुब्रमण्यम, जिन्होंने पहले 32वें जिले का प्रतिनिधित्व करते हुए वर्जीनिया सीनेट के मेंबर के रूप में कार्य किया था. इसके बाद जून में डेमोक्रेटिक प्राइमरी जीती, जिसने उनकी इस ऐतिहासिक जीत के लिए मंच तैयार किया.
सुहास सुब्रमण्यम कौन हैं?
26 सितंबर, 1986 को जन्मे सुहास सुब्रमण्यम एक राजनीतिज्ञ के साथ-साथ वकील भी हैं. सुहास सुब्रमण्यम ने सार्वजनिक सेवा से प्रेरित होकर अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की. इसके बाद वे राष्ट्रपति बराक ओबामा के व्हाइट हाउस प्रौद्योगिकी सलाहकार के रूप में सुहास सुब्रमण्यम ने साइबर सुरक्षा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता(Artificial Intelligence) के साथ-साथ सरकारी आधुनिकीकरण जैसे मुद्दों को संबोधित किया. 2019 में सुहास वर्जीनिया जनरल असेंबली के लिए चुने गए.
38 वर्षीय सुहास सुब्रमण्यम ने अपनी जीत के बाद कहा, “अपना विश्वास मुझ पर दिखाने के लिए मैं वर्जीनिया के 10वें जिले की जनता का शुक्रिया अदा करता हूं. यह गर्व का क्षण है. यह जिला मेरा घर है. मेरी शादी यहीं हुई. मेरी पत्नी मिरांडा और मैं अपनी बेटियों को यहीं बड़ा कर रहे हैं. यहां का समुदाय जिन मुद्दों का सामना कर रहा है, वह मेरे परिवार के भी मुद्दे हैं. वॉशिंगटन में अपने जिले का प्रतिनिधित्व करना गर्व की बात होगी.”