दुनिया के सबसे महान निवेशक वॉरेन बफेट की अनकही इन्वेस्टमेंट जर्नी
Success Story: हम बात कर रहे हैं दुनिया के सबसे महान निवेशकों में से एक, वॉरेन बफेट (Warren Buffett) की, जिन्होंने अपने जीवन की शुरुआत छोटी-छोटी चीज़ों को बेचकर की और बाद में दुनिया के सबसे अमीर और सफल निवेशकों में शामिल हो गए. बफेट की निवेश यात्रा इतनी प्रेरणादायक है कि उन्होंने अपनी समझदारी और धैर्य से शेयर बाजार में भारी मुनाफा कमाया, जिसे देखकर दुनिया भर के निवेशक उनसे सीखते हैं. आइए, जानते हैं उनकी अनोखी यात्रा के कुछ खास पहलुओं के बारे में.
बचपन में मूंगफली बेचकर खरीदे शेयर
वॉरेन बफेट का निवेश में रुझान उनके पिता हॉवर्ड बफेट से आया, जो एक स्टॉक ब्रोकर थे. बचपन से ही शेयर बाजार में दिलचस्पी रखने वाले वॉरेन ने 6 साल की उम्र में पैसे कमाने की शुरुआत की. वे चुइंग गम, कोका-कोला की बोतलें और गोल्फ की गेंदें बेचते थे. इसके अलावा, न्यूजपेपर और पॉपकॉर्न बेचकर भी उन्होंने पैसे जुटाए. साल 1942 में, जब उनकी उम्र केवल 11 साल थी, उन्होंने 120 डॉलर (जो उस समय लगभग 120 रुपये के बराबर थे) जमा किए और अपनी बहन डोरिस के साथ मिलकर अपने पहले शेयर खरीदे. ये शेयर अमेरिकी पेट्रोलियम कंपनी सिटीज सर्विस के थे. पहली बार में ही उन्होंने 5 डॉलर का मुनाफा कमाया, जो उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि थी और यहीं से उनकी निवेश यात्रा शुरू हुई.
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प्रोफेसरों से मिले पैसे कमाने के दो महत्वपूर्ण नियम
वॉरेन बफेट ने यूनिवर्सिटी ऑफ नेब्रास्का से स्नातक किया, जिसके बाद उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में आवेदन किया, लेकिन उन्हें अस्वीकृति मिली. इसके बाद, उन्होंने कोलंबिया बिजनेस स्कूल के कैटलॉग में बेंजामिन ग्राहम और डेविड डोड नामक दो प्रोफेसरों के नाम देखे, जिनकी किताब ‘सिक्योरिटी एनालिसिस’ उन्होंने पहले से ही पढ़ रखी थी. बफेट ने दोनों प्रोफेसरों को पत्र लिखकर उनसे पढ़ने की अनुमति मांगी. ग्राहम ने बफेट को इन्वेस्टमेंट के दो महत्वपूर्ण नियम सिखाए, जिनका पालन बफेट आज भी करते हैं. पहला नियम था – “कभी पैसा मत खोना” (Never lose money) और दूसरा नियम था – “पहले नियम को कभी मत भूलना” (Never forget the first rule)। इन नियमों का पालन करके ही वॉरेन बफेट ने अपनी निवेश यात्रा को इस ऊंचाई तक पहुंचाया.
वॉरेन बफेट की नेटवर्थ और प्रमुख निवेश
वॉरेन बफेट ने शेयर बाजार से करीब 11 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति बनाई है. उनके निवेश पोर्टफोलियो में 41 बड़ी कंपनियों के लगभग 24 लाख करोड़ रुपये के शेयर हैं. इनमें से प्रमुख कंपनियां ऐपल, कोका-कोला और बैंक ऑफ अमेरिका जैसी दिग्गज कंपनियां हैं. 94 साल के वॉरेन बफेट आज दुनिया के छठे सबसे अमीर व्यक्ति हैं. उनकी संपत्ति का बड़ा हिस्सा शेयर बाजार से आता है, जो उनकी कम्पाउंडिंग की ताकत को समझने और बाजार में धैर्य बनाए रखने की कला को दर्शाता है.
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बफेट के पास सिर्फ एक घर
वॉरेन बफेट की साधारण जीवनशैली उनके व्यक्तित्व की खासियत है. उनके पास सिर्फ एक घर है, जो उन्होंने 65 साल पहले ओमाहा में 31,500 डॉलर में खरीदा था. आज इस घर की कीमत 44 गुना बढ़कर लगभग 14,39,000 डॉलर (करीब 11.9 करोड़ रुपये) हो गई है. बफेट का मानना है कि किराए पर घर लेकर रहना एक बेहतर विकल्प हो सकता है. उनके अनुसार, संपत्ति में निवेश से बेहतर विकल्प शेयर बाजार में निवेश हो सकता है. यह घर उनकी पोर्टफोलियो में मौजूद एकमात्र अचल संपत्ति है. बफेट का यह मानना है कि वे जितना पैसा खर्च करने के बजाय निवेश करना पसंद करते हैं, उतना ही उनकी सफलता की कुंजी है.
कंपाउंडिंग की ताकत से बना बाजार का बादशाह
वॉरेन बफेट को ‘कंपाउंडिंग के मास्टर’ के रूप में जाना जाता है. उन्होंने कंपाउंडिंग की शक्ति को समझा और इसका लाभ उठाकर शेयर बाजार में अपार मुनाफा कमाया. उन्होंने बाजार में निवेश कर अपने छोटे-छोटे निवेश को बड़ी रकम में तब्दील कर दिया. बफेट की यह क्षमता उन्हें दुनिया के अन्य निवेशकों से अलग बनाती है.
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