Colorectal Cancer : तनाव एक प्रकार की मानसिक स्थिति है जो आपके लिए शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की समस्याएं पैदा कर सकती है. तनाव आपके जीवन शैली और रोजमर्रा की जिंदगी पर भी गहरा प्रभाव डालती है. एक हालिया शोध के अनुसार तनाव बड़ी आंत के कैंसर के मरीजों पर भी अपना प्रभाव डालता है.
Colorectal Cancer : लंबे समय तक तनाव लेन आपद सकता है भारी : रिपोर्ट
चीन के सिचुआन यूनिवर्सिटी के वेस्ट चीन हॉस्पिटल के वैज्ञानिकों की पूरी टीम ने यह शोध करके पाया कि लंबे समय तक तनावग्रस्त रहने से आंत में मौजूद माइक्रोबायोटा या बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ने लगता है और यह आगे चलकर बड़ी आंत के कैंसर या ट्यूमर में विकसित हो जाता है. यह शोध बताता है कि आंत में कुछ खराब बैक्टीरिया की वजह से व्यक्ति तनाव से जुड़ी कई बीमारियों का शिकार भी हो सकता है जिनमें से एक है बड़ी आंत का कैंसर.
Colorectal Cancer : लाभकारी बैक्टीरिया की संख्या को भी कम कर देता है?
चिकित्सकों की टीम ने आंत के लैक्टोबैसिलस नामक लाभकारी बैक्टीरिया में कमी देखी. यह बैक्टीरिया पाचन तंत्र को मजबूत करने में और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर करने में मदद करता है. शोध में अभी पाया गया कि लंबे समय तक तनाव ग्रस्त से ट्यूमर के आकार को तेजी से बढ़ाने के साथ हाथ में इन लाभकारी बैक्टीरिया की संख्या को भी कम कर देता है. इसी कारण शरीर की कैंसर से लड़ने की क्षमता भी कमजोर हो जाती है.
Colorectal Cancer : Lactobacillus Plantarum : लैक्टोबैसिलस सुरक्षा प्रणाली को करते हैं मजबूत
रिसर्च में लैक्टोबैसिलस प्लांटारम नामक एक विशेष प्रकार की बैक्टीरिया को पहचान गया जो पित्त एसिड के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने और ”सीडी 8 प्लस टी” कोशिकाओं की कार्य क्षमता में सुधार करने में सहायक होता है. आपको बता दे कि यह कोशिकाएं मुख्य रूप से ट्यूमर के खिलाफ की सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करती हैं और इस बात से यह पता चलता है कि लैक्टोबैसिलस प्लांटारम कैसे ट्यूमर के खिलाफ शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा को बढ़ाने में सहायक होता है.
Colorectal Cancer : लैक्टोबैसिलस बैक्टीरिया से होगा इलाज
रिसर्च में यह भी पता चला है कि लैक्टोबैसिलस आधारित चिकित्सा पद्धति से बड़ी आंत के कैंसर के इलाज में कुछ मदद मिल सकती है. यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो लंबे समय से तनाव से जूझ रहे हैं, इनके लिए यह काफी ज्यादा लाभकारी लाभकारी हो सकती है. आंत में गुड बैक्टीरिया की संख्या को बेहतर करने से, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होगी जिससे कैंसर के खिलाफ लड़ाई में शरीर को मदद मिलेगी और बेहतर परिणाम मिलेंगे.
Colorectal Cancer : तनाव एक संकट
इसके अतिरिक्त इस अध्ययन के द्वारा यह भी पता चलता है कि तनाव न केवल मानसिक स्वास्थ्य बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है और आंत के कैंसर जैसी बड़ी बीमारी की प्रगति में भी योगदान देता है. इसके लिए तनाव प्रबंधन और आंत के बैक्टीरिया के संतुलन को बनाए रखना काफी आवश्यक होता है. लोगों ने वैज्ञानिकों से और चिकित्सा विज्ञान से अब यह उम्मीद लगाई है कि भविष्य में लैक्टोबेसिलस आधारित उपचार पद्धतियां डेवलप हो और कैंसर के मरीजों के इलाज के लिए नए रास्ते खुलें.