Monday, October 21, 2024
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Snoring: खर्राटों से बढ़ सकता है इन गंभीर बीमारियों का खतरा, जानिए खर्राटों को कैसे रोकें

Snoring: आपको अपने आसपास ऐसे कई लोग मिल जाएंगे जो सोते समय खर्राटे लेते हैं. हालांकि खर्राटे लेना आम बात है. वहीं दूसरी ओर खर्राटा लेना सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. तेज़ और लगातार खर्राटे लेना स्वस्थ न होने का एक बड़ा इशारा हो सकता है. असल में जो लोग खर्राटे लेते हैं उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती है. दरअसल हमारे देश में 12 करोड़ से ज्यादा लोग ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से पीड़ित हैं. खर्राटे लेने के कारण हर चौथा व्यक्ति स्लीप एप्निया का शिकार हो सकता है. खर्राटों के कारण हाइपरटेंशन-शुगर, हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक जैसी परेशिनायों का खतरा काफी प्रबल हो जाता है. ऐसे में समय रहते सचेत हो जाना चाहिए.

खर्राटों से होने वाली परेशानियां-

  • शुगर और बीपी का इंबैलेंस होना.
  • स्लीप एप्निया.
  • बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल.
  • ब्रेन स्ट्रोक.

खर्राटों से बढ़ सकता है इन गंभीर बीमारियों का खतरा

हाई ब्लड प्रेशर

जो लोग रात में लंबे समय तक खर्राटे लेते हैं उनमें हाई ब्लड प्रेशर का खतरा अधिक होता है. पुरुषों यह समस्या 83% तो वहीं महिलाओं में 71% तक काफी आम है.

ब्रेन स्ट्रोक

नींद की कमी का दुष्परिणाम पूरे शरीर पर पड़ता है. इसमें सबसे पहले आपकी सेहत ख़राब होती है. मधुमेह, रक्तचाप और हृदय संबंधी बीमारियां होने लगती हैं. ऐसे में ये समस्या समय के साथ बढ़ती रहती है और और आखिर में मरीज को ब्रेन स्ट्रोक हो जाता है.

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दिल का दौरा

हल्के या कभी-कभार आने वाले खर्राटे आमतौर पर चिंता का कारण नहीं होते हैं, लेकिन अगर लगातार खर्राटे आ रहे हैं तो स्ट्रोक और दिल के दौरा का खतरा बढ़ सकता है.

अधिक खर्राटे लेते हैं ये लोग

वजनी लोग: जिन लोगों का वजन ज्यादा होता है उनमें खर्राटे लेने की समस्या अधिक देखी जाती है.

टॉन्सिल पीड़ित बच्चे: अगर आपका बच्चा टॉन्सिल से पीड़ित है तो उसे भी खर्राटे लेने की समस्या हो सकती है. ऐसे में तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.

साइनस से पीड़ित लोग: अधिकांशतः देखा गया है कि साइनस के मरीजों को खर्राटे लेने की समस्या अधिक होती है.

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खर्राटों को कैसे रोकें

  • आप अपने वजन कम करने की कोशिश करें. जैसे ही आपका वजन कम होगा ये समस्या धीरे धीरे  कम हो जाती है.
  • वर्कआउट करने से आप इससे छुटाकारा पा सकते हैं. ऐसे में वर्कआउट करें, इससे खर्राटों को कम करने में मदद मिल सकती है. मुंह और गले के व्यायाम करें, जिन्हें हम ऑरोफरीन्जियल मांसपेशी वर्कआउट के रूप में भी जानते हैं.
  • गर्दन के व्यायाम करने से खर्राटे की परेशानी से पा सकते हैं निजात. गर्दन, गले, जीभ या मुंह की मांसपेशियां रुकावट पैदा करती हैं और खर्राटे बढ़ाती हैं, ऐसे में वर्कआउट आपकी खर्राटों की समस्या को कम कर सकते हैं.

रिपोर्टः श्रेया ओझा


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