Wednesday, November 20, 2024
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SME IPO: एसएमई के पर कतरने की तैयारी में सेबी, धन जुटाने वाले आईपीओ पर बढ़ाने जा रहा निवेश सीमा

SME IPO: बाजार विनियामक सेबी लघु और मध्यम उद्यम (एसएमई) के पर कतरने की तैयारी में जुट गया है. भारतीय प्रतिभूति एवं विनियामक बोर्ड (सेबी) छोटे एवं खुदरा निवेशकों को एसएमई के आईपीओ से दूर करने के लिए निवेश की सीमा को बढ़ाने जा रहा है. खबर है कि सेबी लघु और मझोली उद्यमोंके आईपीओ में निवेश की न्यूनतम सीमा को बढ़ाकर 4 लाख रुपये तक करने का प्रस्ताव पेश किया है. बाजार विनियामक का मानना है कि निवेश की सीमा बढ़ाने के बाद एसएमई के आईपीओ में छोटे और खुदरा निवेशक अपना पैसा नहीं लगा सकेंगे. इसमें वैसे निवेशक ही पैसा लगा सकेंगे, जिनके पास मोटी रकम होगी. जब निवेश की सीमा बढ़ जाएगी, तब छोटे निवेशक खुद-ब-खुद एसएमई आईपीओ में पैसा नहीं लगाएंगे और फिर बाजार से धन जुटाने के लिए लघु और मध्यम उद्यम अपना आईपीओ नहीं लाएंगे.

एसएमई के इश्यू में निवेशकों की बढ़ रही भागीदारी

समाचार एजेंसी पीटीआई की हिंदी शाखा भाषा की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार को एसएमई आईपीओ के लिए आवेदन को लेकर न्यूनतम निवेश सीमा 4 लाख रुपये तक करने का प्रस्ताव पेश किया है. इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि केवल पर्याप्त जोखिम लेने और निवेश की क्षमता वाले निवेशक ही आवेदन कर सकें. यह कदम एसएमई इश्यू में तेजी से हो रही बढ़ोतरी के बाद उठाया गया है. इन इश्यूज में निवेशकों की अच्छी-खासी भागीदारी रही है.

तीन साल में 241 गुना बढ़ा आवेदकों का अनुपात

एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि एसएमई इश्यू में बढ़ोतरी के साथ ऐसी पेशकशों में निवेशकों की भागीदारी भी काफी बढ़ गई है. आवंटित निवेशक-आवेदक अनुपात वित्त वर्ष 2021-22 में 4 गुना था. वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान यह बढ़कर 46 गुना और वित्त वर्ष 2023-24 में 245 गुना हो गया है.

एसएमई के आईपीओ में जोखिम ज्यादा: सेबी

सेबी की ओर से जारी किए गए सर्कुलर में कहा गया है, ‘‘पिछले कुछ वर्षों में एसएमई आईपीओ में खुदरा निवेशकों की भागीदारी बढ़ी है. एसएमई आईपीओ में जोखिम ज्यादा है और सूचीबद्धता के बाद धारणा बदलती है तो उनके फंसने का खतरा होता है. इसको देखते हुए, छोटे खुदरा निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए एसएमई आईपीओ में न्यूनतम आवेदन का आकार 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये करने का प्रस्ताव है.’’

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निवेश सीमा बढ़ने से छोटे निवेशकों की भागीदारी घटेगी

सेबी ने अपने सर्कुलर में कहा है, ”एसएमई में निवेश की सीमा बढ़ाने से यह सुनिश्चित होगा कि केवल जोखिम लेने की क्षमता और जानकारी रखने वाले निवेशक ही एसएमई आईपीओ में आवेदन करें.” उसने कहा कि अधिक निवेश सीमा छोटे निवेशकों की भागीदारी को कम करेगी और जोखिम लेने की क्षमता वाले निवेशकों को आकर्षित करेगी. इससे एसएमई सेगमेंट को लेकर भरोसा बढ़ेगा. एक दूसरे प्रस्ताव में निवेश सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 लाख रुपये प्रति आवेदन करने का सुझाव दिया गया है. सेबी ने लोगों से 4 दिसंबर 2024 तक सुझाव मांगा है.

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