ओम प्रयास /हरिद्वार. वैदिक ज्योतिष के अनुसार गोचर का सीधा संबंध सभी नौ ग्रहों और 12 राशियों से होता है. गोचर का अर्थ ग्रहों की चाल से है. जब कोई ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, तो इस प्रक्रिया को गोचर कहते हैं. ग्रहों के गोचर का देश दुनिया के साथ व्यक्ति के जीवन पर भी बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी ग्रह एक निश्चित अवधि में राशि परिवर्तन करते रहते हैं. सूर्य से लेकर केतु तक सभी ग्रहों के राशि परिवर्तन का समय अलग-अलग होता है. जब कोई ग्रह राशि परिवर्तन करता है, तो उसका प्रभाव सभी राशियों के जातकों पर पड़ता है. ग्रहों के गोचर से कुछ राशियों को सकारात्मक फल मिलता है. जबकि कुछ राशियों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
भौतिक सुखों के दाता शुक्र ग्रह अक्टूबर 2024 के मध्य में राशि परिवर्तन करेंगे. अक्टूबर 2024 का महीना कुछ राशि के जातकों के लिए बेहद ही सुखद रहने वाला है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र ग्रह भौतिक सुखों को प्रदान करने वाले है. शुक्र ग्रह तुला राशि से निकलकर मंगल की राशि वृश्चिक में प्रवेश करेंगे. शुक्र का यह गोचर 13 अक्टूबर की सुबह को होगा. शुक्र ग्रह एक राशि पर करीब 26 दिनों तक रहते हैं और उसके बाद राशि परिवर्तन करते हैं. शुक्र ग्रह के गोचर से जातकों को आकस्मिक धन की प्राप्ति, ऐशो आराम की वस्तुएं, संपत्ति का लाभ, जीवनसाथी से रिश्ते मधुर आदि होने के योग बन रहे हैं. शुक्र ग्रह के गोचर का सभी 12 राशियों पर प्रभाव पड़ेगा. शुक्र कुछ राशियों के जातकों को लाभ देंगे तो वहीं कुछ राशियों के जातकों को अशुभ परिणाम भी प्राप्त होंगे.
शुक्र ग्रह के वृश्चिक राशि में परिवर्तन करने की और अधिक जानकारी लोकल 18 को देते हुए हरिद्वार के प्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित शशांक शेखर शर्मा ने बताया कि शुक्र ग्रह 13 अक्टूबर की सुबह 6:13 मिनट पर तुला राशि से निकलकर मंगल की वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे. शुक्र ग्रह के वृश्चिक राशि में गोचर करने से मेष राशि, वृष राशि और तुला राशि के जातकों के लिए यह गोचर अच्छा नहीं रहेगा.
मेष राशि: हरिद्वार के प्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित शशांक शेखर शर्मा ने लोकल 18 को बताया कि मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र का यह गोचर अच्छा नहीं रहेगा. ज्योतिष के अनुसार जब मेष राशि से शुक्र ग्रह का वृश्चिक राशि में गोचर अष्टम स्थान पर होगा. जिससे मेष राशि के जातक को शारीरिक कष्ट, संतान को शारीरिक कष्ट आदि परेशानी आएंगी. इस दौरान मेष राशि के जातकों की पहली संतान को शारीरिक कष्ट होने का योग बना हुआ है. इस दौरान उनकी संतान को वायरल, पेट में परेशानी, पेट में दर्द, पेट में इन्फेक्शन आदि की शिकायत रहेगी. लग्नेश के अष्टम स्थान पर होने से मेष राशि के जातकों को आकस्मिक नुकसान, आकस्मिक सर में चोट लगना, सर में इन्फेक्शन, सर दर्द होना आदि का योग बना हुआ है.
वृष राशि: हरिद्वार के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित शशांक शेखर शर्मा ने लोकल 18 को बताया कि शुक्र का गोचर वृष राशि से सप्तम भाव में होगा. सप्तम भाव जीवनसाथी और व्यापार का होता है. जहां व्यापार में वृष राशि के जातकों को संघर्ष करना पड़ेगा तो वही जीवनसाथी के साथ टकराव होने के योग बने रहेंगे.
तुला राशि: ज्योतिषी पंडित शशांक शेखर शर्मा बताते हैं कि तुला राशि से शुक्र का गोचर द्वितीय भाव में होगा. लेकिन ज्योतिषीय गणना के अनुसार द्वितीय भाव में अष्टमेश भाव के स्वामी शुक्र होंगे. जिस कारण तुला राशि के जातकों को भी बहुत सी परेशानियों का सामना करना होगा. शुक्र के वृश्चिक राशि में गोचर के दौरान तुला राशि के जातकों को ससुराल पक्ष से लेनदेन करना या अन्य किसी कारण से रिश्ते खराब होने का योग बने हुए हैं. तुला राशि के जातकों के संबंधों में खींचतान ज्यादा रहेगी.
उपाय: मेष राशि, वृष राशि और तुला राशि के जातकों को शुक्रवार के दिन भगवान शिव को गंगाजल अर्पित करने और शुक्रवार के दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से आपको शुक्र के गोचर में होने वाली परेशानियों से छुटकारा मिल जाएगा. साथ ही विशेष लाभ की प्राप्ति होगी. वृश्चिक राशि में शुक्र के गोचर के दौरान इन राशियों के जातकों को शुक्र के बीज मंत्र का जाप 108 बार करना भी फलदायक रहेगा. वहीं इस दौरान आपको विशेष तौर पर संयम रखने की जरूरत होगी जिससे आपके संबंध ससुराल पक्ष और अपने जीवन साथी से ठीक बने रहे.
Tags: Hindi news, Local18, Religion 18
FIRST PUBLISHED : October 9, 2024, 08:45 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.