Shivraj Singh Chauhan: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के चार बार मुख्यमंत्री रह चुके शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को केंद्रीय कृषि मंत्रालय का कार्यभार संभाल लिया है. मध्य प्रदेश में ‘मामा’ और ‘पांव-पांव वाले भैया’ के नाम से प्रसिद्ध शिवराज सिंह चौहान ने कार्यभार संभालने के साथ ही किसानों के कल्याण और विकास का संकल्प लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए मंत्रिमंडल में उन्हें ग्रामीण विकास मंत्रालय भी सौंपा गया है. उन्होंने रविवार को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी. यह उनके तीन दशक से अधिक लंबे राजनीतिक जीवन में यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है.
किसान कल्याण का कल्याण सर्वोच्च प्राथमिकता
कृषि मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया पर कहा कि कृषि मंत्रालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित देश के संकल्प को साकार करने में अहम कड़ी के रूप में काम करेगा. उन्होंने कहा कि किसान कल्याण प्रधानमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि वह, उनके साथी मंत्री और अधिकारी एक दल के रूप में मिलकर काम करेंगे. मंत्री ने कहा कि हम अपनी पूरी मेहनत और प्रयास करेंगे.
अधिकारियों को सौंपा संकल्प पत्र
शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा कि उन्होंने अपने अधिकारियों को एक ‘संकल्प पत्र’ सौंपा है, जिसमें प्रधानमंत्री की गारंटी के साथ-साथ किसानों के कल्याण के लिए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी भी शामिल है. उन्होंने कहा कि किसानों के कल्याण के हर संकल्प को पूरा करने के लिए भी आज से काम शुरू होगा. आइए, हम सब मिलकर अभी से कृषि और किसानों के कल्याण के लिए खुद को समर्पित करें.
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मध्य प्रदेश में बनाई है धरती पुत्र की छवि
सरकार में उनके व्यापक अनुभव तथा ग्रामीण आबादी के साथ गहरे जुड़ाव के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री के रूप में चौहान की नियुक्ति से कृषि क्षेत्र और कृषक समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने में सरकार के प्रयासों को नई गति मिलने की उम्मीद है. शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश में किसानों, ग्रामीणों, महिलाओं तथा बच्चों से जुड़ी सामाजिक-आर्थिक चिंताओं पर गौर किया और अपने दम पर ‘धरती पुत्र’ की छवि बनाई. भाजपा नेतृत्व ने पिछले साल उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाने का फैसला किया था. भाजपा नेता ने विदिशा लोकसभा सीट पर प्रभावशाली जीत दर्ज की और मंत्रिमंडल में शामिल होकर दरकिनार किए जाने के दावों को पर पूर्ण विराम लगाया.
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