इस साल शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ 3 अक्टूबर दिन गुरुवार से हो रहा है. शारदीय नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाएगी और फिर मां दुर्गा की पूजा शुरू होगी. नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है. मातारानी के भक्त नवरात्रि के पहले दिन से लेकर पूरे 9 दिन तक व्रत रखते हैं और दशमी के दिन पारण करके व्रत को पूरा करते हैं. कुछ भक्त केवल नवरात्रि के पहले दिन और दुर्गा अष्टमी को व्रत रखते हैं. मां दुर्गा अपने भक्तों के दुखों को दूर करती हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. लेकिन शारदीय नवरात्रि के व्रत रखने के कुछ नियम हैं, जिसका कड़ाई से पालन करना होता है. कहीं आप गलत तरीके से तो नहीं मनाते हैं नवरात्रि? केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं शारदीय नवरात्रि के नियम और व्रत विधि के बारे में.
शारदीय नवरात्रि व्रत विधि और नियम
1. यदि आप नवरात्रि का व्रत रखना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले इस बात का प्रण करना होगा कि 9 दिनों में सात्विक भोजन और आचरण करना होगा.
2. पूरी नवरात्रि के समय में व्रती को ब्रह्मचर्य के नियमों का कड़ाई से पालन करना होता है. भोग-विलासता से दूर रहें. यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो नवरात्रि का व्रत और पूजन सफल नहीं होगा.
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3. नवरात्रि के समय में तामसिक वस्तुओं जैसे लहसुन, प्याज, मांस, शराब, गुटखा, पान, सिगरेट, बीड़ी आदि का सेवन नहीं करना चाहिए.
4. नवरात्रि के पहले दिन सुबह में व्रत और पूजा का संकल्प लेते हैं. फिर कलश स्थापना करें. उसके बाद मातारानी का आह्वान करके उनको चौकी पर विराजमान कराएं. फिर पूजन करें.
5. यदि आपके घर में नवरात्रि का व्रत रखा जा रहा है तो पूरे परिवार को सात्विक भोजन ही करना चाहिए. ऐसा न हो कि आप व्रत रखकर पूजन कर रहे हैं और परिवार का कोई सदस्य तामसिक वस्तुओं का सेवन कर रहा है. ऐसा करने से दोष लगता है.
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6. नवरात्रि के दिनों में आपको देवीभागवत पुराण, दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए. यदि स्वयं नहीं कर सकते हैं तो किसी पंडित से करा सकते हैं.
7. दुर्गा अष्टमी के दिन कन्या पूजा करके उनका आशीर्वाद लेना चाहिए. कन्याओं को देवी माता का रूप माना जाता है.
8. दुर्गा अष्टमी या महा नवमी के दिन नवरात्रि का हवन करें. दशमी को पारण करके नवरात्रि व्रत को पूरा करें.
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FIRST PUBLISHED : September 25, 2024, 10:46 IST