Saturday, October 19, 2024
HomeReligionशारदीय नवरात्रि में पढ़ें नवदुर्गा मंत्र, आरती से करें पूजा का समापन,...

शारदीय नवरात्रि में पढ़ें नवदुर्गा मंत्र, आरती से करें पूजा का समापन, बरसेगी मातारानी की कृपा!

Navratri 2024 Mantra, Aarti: आज से शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ हुआ है. आज नवरात्रि का पहला दिन है. नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरुपों की पूजा करते हैं. पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है. पूजा के समय में नवदुर्गा के मंत्रों का जाप करते हैं और मां दुर्गा की आरती की जाती है. आज हम आपको नवदुर्गा मंत्र और मां दुर्गा की आरती के बारे में बता रहे हैं, जो आपके लिए कल्याणकारी और शुभ फलदायी होगा. मां दुर्गा की कृपा आपके पूरे परिवार पर होगी, जिससे सुख और शांति आएगी. आपको और आपके पूरे परिवार को शारदीय नवरात्रि की शुभकामाएं!

नवदुर्गा मंत्र
1. मां शैलपुत्री बीज मंत्र: ह्रीं शिवायै नम:
स्तुति मंत्र: या देवी सर्वभू‍तेषु मां शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

2. मां ब्रह्मचारिणी बीज मंत्र: ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:
स्तुति मंत्र: या देवी सर्वभू‍तेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

3. मां चंद्रघंटा बीज मंत्र: ऐं श्रीं शक्तयै नम:
स्तुति मंत्र: या देवी सर्वभू‍तेषु मां चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

यह भी पढ़ें: नवरात्रि आज से शुरु, कलश स्थापना मुहूर्त, सुबह में 1 घंटे 6 मिनट, दोपहर में 47 मिनट, जानें समय

4. मां कूष्मांडा बीज मंत्र: ऐं ह्री देव्यै नम:
स्तुति मंत्र: या देवी सर्वभू‍तेषु मां कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

5. मां स्कंदमाता बीज मंत्र: ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:
स्तुति मंत्र: या देवी सर्वभू‍तेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

6. मां कात्यायनी बीज मंत्र: क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:
स्तुति मंत्र: या देवी सर्वभू‍तेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

7. मां कालरात्रि बीज मंत्र: क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:
स्तुति मंत्र: या देवी सर्वभू‍तेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

8. मां महागौरी बीज मंत्र: श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:
स्तुति मंत्र: या देवी सर्वभू‍तेषु मां महागौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

9. मां सिद्धिदात्री बीज मंत्र: ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:
स्तुति मंत्र: या देवी सर्वभू‍तेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

यह भी पढ़ें: 3 ​अक्टूबर से नवरात्रि शुभारंभ, पहले दिन कैसे करें कलश स्थापना? जानें मुहूर्त, सामग्री, सही विधि

दुर्गा जी की आरती
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिव री।।

मांग सिंदूर बिराजत, टीको मृगमद को।
उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रबदन नीको।। जय अम्बे गौरी…

कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै।। जय अम्बे गौरी…

केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।
सुर-नर मुनिजन सेवत, तिनके दुःखहारी।। जय अम्बे गौरी…

कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।
कोटिक चंद्र दिवाकर, राजत समज्योति।। जय अम्बे गौरी…

शुम्भ निशुम्भ बिडारे, महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती।। जय अम्बे गौरी…

चण्ड-मुण्ड संहारे, शौणित बीज हरे।
मधु कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे।। जय अम्बे गौरी…

ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी।
आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी।। जय अम्बे गौरी…

चौंसठ योगिनि मंगल गावैं, नृत्य करत भैरू।
बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू।। जय अम्बे गौरी…

तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।
भक्तन की दुःख हरता, सुख सम्पत्ति करता।। जय अम्बे गौरी…

यह भी पढ़ें: आज शारदीय नवरात्रि का पहला दिन, शैलपुत्री पूजा, गुरुवार व्रत भी साथ, जानें शुभ मुहूर्त, राहुकाल, दिशाशूल

भुजा चार अति शोभित, खड्ग खप्परधारी।
मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी।। जय अम्बे गौरी…

कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
श्री मालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति।। जय अम्बे गौरी…

अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै।
कहत शिवानंद स्वामी, सुख-सम्पत्ति पावै।।

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।

मां दुर्गा की जय…मातारानी की जय…मां जगदम्बा की जय!

Tags: Dharma Aastha, Durga Puja festival, Navratri Celebration, Navratri festival, Religion


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular