Shardiya Navratri 2024 Chandi Path: शारदीय नवरात्रि की शुरूआत होने वाली है. 3 अक्टूबर को नवरात्रि का पहला दिन है. दुर्गा सप्तशती का पाठ नवरात्रि के दौरान करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है. हालांकि, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह पाठ हर किसी के लिए करना संभव नहीं है. ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस दौरान संबंधित नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक होता है. यह भी उल्लेखनीय है कि शास्त्रों में दुर्गा सप्तशती के पाठ को चंडी पाठ के नाम से भी जाना जाता है.
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देवी पाठ क्या है ?
चंडीपाठ के रूप में यह प्रणाली समस्त सात सौ श्लोकों को अर्गला, कीलक, प्रधानिकम रहस्यम, वैकृतिकम रहस्यम और मूर्तिरहस्यम के छह आवरणों में समाहित करती है. इसके सप्त शत मंत्रों में से प्रत्येक मंत्र अपने चौदह अंगों के ताने-बाने में बुना गया है, जो निम्नलिखित हैं- ऋषि, देवता, बीज, शक्ति, महाविद्या, गुण, ज्ञानेंद्रिय, रस, कर्मेंद्रिय स्वर, तत्व, कला, उत्कीलन और मुद्रा.
चंडी पाठ को लेकर ये है मान्यता
मान्यताएं इसे अपनी आंतरिक ऊर्जा के विस्तार के लिए अद्वितीय मानती हैं. चण्डी पाठ किसी देवी की उपासना से अधिक, स्वयं की दिव्य ऊर्जा के प्रवाह और विकास की प्रक्रिया प्रतीत होती है. धार्मिक और ऐतिहासिक कथाएं विजय और शक्ति की प्राप्ति के लिए देवी उपासना और चण्डी पाठ का वर्णन करती हैं. मान्यताओं के अनुसार, विजयश्री के सूत्र प्राप्त करने के लिए श्रीराम ने ऊर्जा के रूपांतरण की सस्वर विधि अपनाई, जिसे देवी स्तुति कहा जाता है. यह मान्यता है कि श्रीरामचंद्र ने शारदीय नवरात्र की प्रतिपदा को समुद्र तट पर सस्वर चण्डी पाठ किया. तृतीया तिथि से युद्ध की शुरुआत हुई और दशमी को दशानन की 72 करोड़ सैनिकों वाली सेना को पराजित कर विजयश्री का अधिग्रहण किया गया.