Saturday, November 16, 2024
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Sharad Purnima 2024: शरद पूर्णिमा का व्रत रखने से चंद्रमा दोष होगा दूर, जानें किस दिन है ये त्योहार

Sharad Purnima 2024: आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा मनाया जाता है वर्ष में बारह पूर्णिमा मनाया जाता सभी पुर्णिमा का प्रभाव अलग -अलग है लेकिन आश्विन मास के पूर्णिमा को विशेष तौर पर मनाया जाता है इस पूर्णिमा के कई नाम से जाना जाता आश्विन माह से शरद ऋतू का आरंभ होता है जिसे शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. इसे रास पूर्णिमा भी कहते है.

शरद पूर्णिमा को रास पूर्णिमा भी कहते है

इसका धर्मिक मान्यता यह है शरद ऋतू के पूर्णिमा में भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के साथ रास रचाया था दूसरी मान्यता यह है शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करने के लिए आती है. शरद पूर्णिमा के दिन खुले आसमान के निचे चांद की रौशनी में खीर रखने का विधान है. शरद पूर्णिमा के रात चंद्रमा की रौशनी बहुत ही महतवपूर्ण माना जाता है.इस दिन चंद्रमा सोलह कला से सुसज्जित होते है ज्योतिषशास्त्र के अनुसार चंद्रमा को मन का कारक माना गया है चंद्रमा की प्रकाश हमारे शारीर को शीतलता प्रदान करते करते है साथ ही शरीर में उर्जा भरपूर प्रदान करते है शरद पूर्णिमा की रात की किरण अमृत समान है इसलिए शरद पूर्णिमा की रात में चावल की खीर बनाकर बर्तन में रखकर रात्रि में खुले आसमान के निचे रखकर जालीदार कपडे से ढककर रखे अगले दिन ब्रह्म मुहूर्त में भगवान विष्णु को खीर का भोग लगाकर प्रसाद के रूप में पूरे परिवार को खिलाए इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाता है.

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शरद पूर्णिमा कब है ?

पंचांग के अनुसार शरद पूर्णिमा जिसे कोजागरी पूर्णिमा कहते है पूर्णिमा तिथि का आरंभ 16 अक्तूबर 2024 दिन बुधवार समय रात्रि 07:47 मिनट से आरम्भ होगा.पूर्णिमा तिथि का समाप्ति 17 अक्तूबर 2024 ,संध्या 05:22 मिनट पर समाप्त होगा.

चन्द्र उदय 16 अक्तूबर 2024 संध्या 04:50 मिनट से आरम्भ होगा.
चंद्रास्त 17 अक्तूबर 2024 दिन गुरुवार सुबह 05:30 तक रहेगा.

स्नान तथा दान की पूर्णिमा कब करें ?

ऐसे लोग जिनको पूर्णिमा का स्नान दान तथा व्रत करना है उन्हें 17 अक्तूबर को 2024 दिन गुरुवार को पूर्णिमा व्रत किया जायेगा क्योंकि पूर्णिमा में चंद्रमा का पूजन किया जाता है वह 17 अक्तूबर 2024 को संध्या 05:22 मिनट तक पूर्णिमा मिल रहा है.

शरद पूर्णिमा को लेकर धर्मिक मान्यता

मान्यता यह है शरद पूर्णिमा के दिन घर में सुख समृद्धि के लिए इस दिन महिलाए को भोजन कराने के आलावा सूर्यास्त से पहले कुछ भेट प्रदान करनी चाहिए.इस दिन सूर्यास्त के बाद बाल में कंघी करना या अग्नि पर तावा चढ़ाना शुभ नहीं होता है.

ज्योतिषीय महत्व

शरद पूर्णिमा के दिन पूजन करने से चंद्रमा से सम्बंधित दोष दूर होते है जिनके कुंडली में चन्द्र कमजोर है या नीच राशि में है या विषयोग ,चंद्रग्रहण योग बना हुआ है वह खुले आसमान के निचे चन्द्रमा के प्रकाश में बैठे. शरद पूर्णिमा पर मंदिर में विशेष पूजन करे चन्द्र दोष दूर होता है.

जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847


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