Stock Market Scam: शरद पवार वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने तथाकथित तौर पर एग्जिट पोल और चुनावी बॉन्ड के जरिए शेयर बाजारों में की गई संस्थागत घोटाले को लेकर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग की है. मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, शरद पवार वाली एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष पीसी चाको ने यह दावा भी किया है कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के नतीजों ने इसे असली एनसीपी के रूप में स्थापित कर दिया है. एनसीसी (एसपी) की विस्तारित कार्यसमिति की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए चाको ने कहा कि पार्टी एग्जिट पोल और चुनावी बॉन्ड के जरिए शेयर बाजार में हेराफेरी जैसे संस्थागत घोटाले की जांच के लिए जेपीसी की मांग करती है.
राहुल गांधी ने भी की है जेपीसी जांच की मांग
इससे पहले, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी गुरुवार को आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की ओर से दी गई शेयर खरीदने की सलाह और फिर चुनाव के बाद आए ‘झूठे एग्जिट पोल’ के कारण शेयर बाजार में सबसे बड़ा घोटाला हुआ है, जिसमें निवेशकों के 31 लाख करोड़ रुपये डूब गए. उन्होंने कहा था कि इस ‘आपराधिक कृत्य’ में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री और ‘एग्जिट पोल’ करने वालों की भूमिका की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया जाए.
एनसीपी का राष्ट्रीय स्तर पर होगा पुनर्गठन
एनसीपी (सीपी) के कार्यकारी अध्यक्ष पीसी चाको ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी ने राष्ट्रीय स्तर पर पुनर्गठन का फैसला किया है. उन्होंने महायुति सरकार में शामिल अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हम उन लोगों के साथ सहानुभूति रखते हैं, जिन्होंने सत्ता के लिए हमें छोड़ दिया. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र समेत दो राज्यों में आने वाले महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनकी पार्टी इन चुनावों में निर्णायक वोट हासिल करने के लिए काम करेगी.
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4 जून को धराशायी हो गया था बाजार
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, मतगणना वाले दिन 4 जून 2024 को शेयर बाजार भारी गिरावट के साथ धराशायी हो गया था. बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 4,389.73 अंक या 5.74 फीसदी का गहरा गोता लगातार 72,079.05 अंक पर बंद हुआ था. वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी करीब 1,379.40 अंक या 5.93 फीसदी टूटकर 21,884.50 अंक के स्तर पर पहुंच गया था. बाजार की इस बड़ी गिरावट में निवेशकों के करीब 31 लाख करोड़ रुपये डूब गए. बाजार की इस गिरावट को लेकर वित्त मंत्रालय के पूर्व सचिव ईएएस शर्मा ने भी आर्थिक मामलों के सचिव को चिट्ठी लिखी है.
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