Shani Vakri 2024: ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को कर्मफलदाता, न्याय का देवता और दंडाधिकारी माना जाता है. 29 जून 2024 को शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में वक्री (प्रतिगामी) अवस्था में प्रवेश करेंगे और 15 नवंबर 2024 तक इसी स्थिति में रहेंगे. शनि की यह वक्री चाल कुछ राशियों के लिए शुभ फलदायी हो सकती है, वहीं कुछ राशियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है.
शनि ग्रह का कुंभ राशि में वक्री होना ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण घटना है. कुंभ राशि शनि की मित्र राशि मानी जाती है, इसलिए इस अवधि में शनि का प्रभाव थोड़ा कम कठोर रहेगा. तथापि, वक्री अवस्था में होने के कारण शनि का प्रभाव अनिश्चित और अप्रत्याशित हो सकता है.
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शनि की वक्री अवस्था आमतौर पर मंदी, विलंब, बाधाओं और चुनौतियों से जुड़ी होती है. यह व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन दोनों में कठिनाइयों का कारण बन सकता है. इस अवधि के दौरान धैर्य और संयम बनाए रखना महत्वपूर्ण है.
मेष, वृषभ, मकर और मीन राशियों को शनि की वक्री अवस्था का नकारात्मक प्रभाव सबसे अधिक महसूस होगा. शेष राशियों को भी कुछ हद तक प्रभावित किया जाएगा, लेकिन प्रभाव उतना तीव्र नहीं होगा.
विभिन्न राशियों पर इस वक्री चाल का प्रभाव इस प्रकार होगा
मेष राशि
करियर: कार्य में बाधाएं, पदोन्नति में विलंब, नौकरी में असुरक्षा.
वित्त: धन हानि, अपव्यय, ऋण भार में वृद्धि.
स्वास्थ्य: मानसिक तनाव, चिंता, अनिद्रा.
पारिवारिक जीवन: कलह, वाद-विवाद, पारिवारिक कटुता.
वृषभ राशि
करियर: कार्यभार में वृद्धि, दबाव, सहकर्मियों से मतभेद.
वित्त: आर्थिक नुकसान, निवेश में हानि, धन चोरी की संभावना.
स्वास्थ्य: शारीरिक थकान, जोड़ों का दर्द, पाचन संबंधी विकार.
पारिवारिक जीवन: वैवाहिक जीवन में तनाव, अलगाव की संभावना.
मकर राशि
करियर: करियर में अस्थिरता, नौकरी परिवर्तन की संभावना.
वित्त: अप्रत्याशित खर्च, ऋण भार में वृद्धि, आर्थिक तंगी.
स्वास्थ्य: मानसिक तनाव, अवसाद, एकाग्रता में कमी.
पारिवारिक जीवन: पारिवारिक कलह, माता-पिता के स्वास्थ्य का ध्यान रखना.
मीन राशि
करियर: कार्य में बाधाएं, स्वास्थ्य कारणों से अवकाश, नौकरी परिवर्तन.
वित्त: धन हानि, धोखाधड़ी की संभावना, आर्थिक नुकसान.
स्वास्थ्य: शारीरिक कमजोरी, रोगों का प्रकोप, अस्पताल में भर्ती होने की संभावना.
पारिवारिक जीवन: पारिवारिक कलह, प्रियजनों से मतभेद.
उपाय
शनि देव, भगवान हनुमान और भगवान भैरव की पूजा.
शनि स्तोत्र का पाठ और शनि चालीसा का पाठ.
शनिवार के दिन व्रत रखना और दान-पुण्य करना.
नीले रंग के वस्त्र धारण करना और शनि यंत्र की पूजा करना.
जन्मकुंडली से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847