Saturday, November 16, 2024
HomeReligionShani Pradosh Vrat 2024: सावन का ये अंतिम प्रदोष व्रत है बहुत...

Shani Pradosh Vrat 2024: सावन का ये अंतिम प्रदोष व्रत है बहुत खास, बस करें यह एक काम

Shani Pradosh Vrat 2024: हर महीने की कृष्ण और शुक्ल दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत आता है. इस बार सावन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानि प्रदोष का व्रत 17 अगस्त को शनि प्रदोष व्रत के रूप में मनाया जाएगा. कोई भी त्रयोदशी तिथि अगर शनिवार के दिन हो तो इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है. सेलिब्रिटी एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी के अनुसार, जीवन में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी है तो प्रदोष व्रत करने से सारे दोष दूर होंगे और उत्तम फल की प्राप्ति होगी. जीवन में घटित हुए सारे संकट दूर करने की इच्छा लेकर प्रदोष व्रत किया जाता है. इस दिन स्नान आदि के बाद पूरे विधि-विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें.

इस दिन मां पार्वती और महादेव की आराधना से सारी इच्छाएं पूरी होती हैं. इस दिन जरूरतमंदों को सामर्थ्य के अनुसार सरसों का तेल, शुद्ध घी, अनाज, वस्त्र, मौसमी फल आदि का दान करना श्रेष्ठ रहता है.

इन चीजों की खरीदारी से होगा विशेष लाभ

सेलिब्रिटी एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी के अनुसार प्रदोष व्रत शनिवार को है. इसके दिन का स्वामी ग्रह शनि है. यह दिन शनि देव को समर्पित होता है, और इस दिन लोहे से बनी चीजें जैसे बर्तन, औजार, या अन्य घरेलू सामान, सरसों का तेल, नारियल तेल, या अन्य प्रकार के तेल, काले कपड़े, काले जूते, या अन्य काले रंग की वस्तुएं, स्टील के गिलास, स्टील के थाली, या अन्य स्टील के बर्तर्नों की खरीदारी के लिए शुभ माना जाता है. इनमें से किसी चीज की खरीदारी करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सौभाग्य और समृद्धि आती है. इस दिन दान, स्नान और व्रत आदि करने से भक्तों को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है.

प्रदोष व्रत में महादेव की पूजा की जाती है. 

पूजा के लिए शुभ मुहूर्त

– त्रयोदशी तिथि 17 अगस्त को सुबह 8:05 मिनट पर शुरू होगी. जबकि समापन अगले दिन 18 अगस्त को सुबह 5:50 बजे होगा.
– प्रदोष काल यानि सूर्यास्त के बाद और रात्रि की शुरुआत से पहले के समय में की गई पूजा शुभ मानी जाती है.
– प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है. इस समय में शिव पूजन और कथा सुनने से व्रती का मन प्रसन्न होता है और उन्हें अपनी मनोकामनाओं की प्राप्ति में सहायता मिलती है.
– बेल पत्र, अक्षत, दीप, धूप, गंगाजल आदि से भगवान शिव की पूजा करना सबसे उत्तम है.
– प्रदोष काल में उपवास में सिर्फ हरे मूंग का सेवन करें. हरा मूंग पृथ्वी तत्व है और पाचन क्रिया को शांत रखता है.
– व्रत में लाल मिर्च, अन्न, चावल और सादा नमक का सेवन नहीं करें. चाहें तो पूर्ण उपवास कर सकते हैं या फलाहार ले सकते हैं.

Tags: Astrology, Dharma Aastha


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular