Monday, October 21, 2024
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कब है अश्विन शिवरात्रि? 48 मिनट ही है शिव पूजा का मुहूर्त, जानें तारीख और शुभ योग

हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. इस समय अश्विन माह का कृष्ण पक्ष चल रहा है. चतुर्दशी तिथि को अश्विन की मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी. इस बार अश्विन शिवरात्रि पर दो शुभ योग बन रहे हैं और शाम के समय में भद्रा भी लग रही है. अश्विन शिवरात्रि को शिव पूजा के लिए निशिता मुहूर्त 48 मिनट तक ही है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि अश्विन शिवरात्रि कब है? पूजा का मुहूर्त, शुभ योग, भद्रा आदि कब से कब तक है?

अश्विन शिवरात्रि 2024
वैदिक पंचांग के अनुसार, 30 सितंबर को शाम 7 बजकर 6 मिनट से अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी ​तिथि प्रारंभ होगी. इस तिथि की समाप्ति 1 अक्टूबर को रात 9 बजकर 39 मिनट पर होगी. ऐसे में अश्विन शिवरात्रि 30 सितंबर को मनाई जाएगी.

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3 शुभ संयोग में अश्विन शिवरात्रि 2024
इस बार अश्विन शिवरात्रि के दिन 3 शुभ संयोग बन रहे हैं. अश्विन शिवरात्रि का पहला संयोग यह है कि यह व्रत सोमवार के दिन ही पड़ रहा है. सोमवार भगवान शिव की पूजा के लिए है. इस दिन शुभ योग प्रात:काल से लेकर 1 अक्टूबर को 1 बजकर 18 एएम तक है. उसके बाद से शुक्ल योग प्रारंभ होगा. अश्विन शिवरात्रि पर मघा नक्षत्र है, जो प्रात:काल से लेकर सुबह 06:19 बजे तक है, उसके बाद से पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र है.

अश्विन शिवरात्रि 2024 मुहूर्त
अश्विन शिवरात्रि पर शिव पूजा के लिए निशिता मुहूर्त 48 मिनट का है. शिव पूजा का शुभ समय रात 11 बजकर 47 मिनट से देर रात 12 बजकर 35 मिनट तक है. वैसे जिसे सुबह में पूजा करनी है, वह कभी भी शिव आराधना कर सकता है.

अश्विन शिवरात्रि वाले दिन का शुभ मुहूर्त यानि अभिजीत मुहूर्त 11:47 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक है. उस दिन का ब्रह्म मुहूर्त 04:37 बजे से सुबह 05:25 बजे तक है.

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अश्विन शिवरात्रि 2024 भद्रा का समय
अश्विन शिवरात्रि को शाम में भद्रा का साया है. भद्रा का प्रारंभ शाम को 7 बजकर 6 मिनट से होगा. यह अगले दिन 1 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 14 मिनट तक है. इस भद्रा का वास पृथ्वी पर है. हालांकि शिव पूजा में भद्रा या राहुकाल नहीं देखते हैं. उस दिन राहुकाल सुबह 07:43 बजे से सुबह 09:12 बजे तक है.

अश्विन शिवरात्रि पर शिववास
अश्विन शिवरात्रि के दिान शिववास भोजन में प्रात:काल से लेकर शाम 7 बजकर 6 मिनट तक है. उसके बाद शिववास श्मशान में है.

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मासिक शिवरात्रि का महत्व
शिवरात्रि के दिन व्रत रखकर भगवन शिव की पूजा करते हैं. शिव जी की कृपा से व्यक्ति की शुभ मनोकामनाएं पूरी होती हैं और दुखों का अंत होता है. भगवान भोलेनाथ के आशीर्वाद से जीवन में सुख और समृद्धि् आती है.

Tags: Dharma Aastha, Lord Shiva, Religion


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