सावन की अमावस्या श्रावण के कृष्ण पक्ष की 15वीं यानी अमावस्या तिथि को होगी. इस समय सावन का कृष्ण पक्ष चल रहा है. इस साल सावन अमावस्या के दिन रवि पुष्य समेत 3 शुभ योग बनने वाले हैं, जो अत्यंत ही शुभ फलदायी हैं. इन योग में आप जो भी शुभ कार्य करेंगे, उसका आपको सकारात्मक परिणाम प्राप्त होगा. सावन अमावस्या के दिन आपको सुबह उठकर स्नान और दान करना चाहिए. उसके बाद पितरों के लिए तर्पण करें. इन कार्यों को करने से पुण्य और पितरों का आशीर्वाद दोनों ही मिलता है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि सावन अमावस्या कब है? सावन अमावस्या पर पितरों के लिए तर्पण, स्नान-दान किस समय करें?
कब है सावन अमावस्या 2024?
वैदिक पंचांग को देखा जाए तो सावन अमावस्या के लिए श्रावण अमावस्या तिथि 3 अगस्त को 3:50 पीएम से 4 अगस्त को 4:42 पीएम तक रहेगी. सावन अमावस्या का स्नान, दान और पितरों के लिए तर्पण सूर्योदय के बाद ही होता है, इस वजह से सावन अमावस्या 4 अगस्त रविवार को है.
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सावन अमावस्या पर बने 3 शुभ योग
रवि पुष्य योग: 05:44 ए एम से 01:26 पी एम तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: 05:44 ए एम से 01:26 पी एम तक
सिद्धि योग: प्रात:काल से 10:38 ए एम तक
सावन अमावस्या 2024 मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: 04:20 ए एम से 05:02 ए एम
अमृत काल: 06:39 ए एम से 08:21 ए एम
अभिजीत मुहूर्त: 12:00 पी एम से 12:54 पी एम
विजय मुहूर्त: 02:41 पी एम से 03:35 पी एम
सावन अमावस्या पर स्नान-दान का समय
सावन अमावस्या के अवसर पर आप ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें तो बहुत ही उत्तम होगा. यदि ऐसा नहीं कर पाते हैं तो सूर्योदय के बाद रवि पुष्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग में स्नान करें. उसके बाद अपनी क्षमता के अनुसार किसी गरीब ब्राह्मण को कपड़ा, अन्न, फल, द्रव्य आदि का दान करें.
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सावन अमावस्या पर कब करें पितरों के लिए तर्पण?
सावन अमावस्या के दिन आप जब स्नान कर लें तो उसके बाद साफ कपड़े पहनें. फिर जल, काले तिल, सफेद फूल और कुशा से पितरों के लिए तर्पण करें. कुशा के पोरों से दिया गया तर्पण पितरों को प्राप्त होता है. तर्पण के समय पवित्री पहनें. तर्पण से पितरों को जल प्राप्त होता है और वे प्रसन्न होते हैं क्योंकि पितृ लोक में जल की कमी होती है. ऐसी धार्मिक मान्यता है. आपके तर्पण करके भी अपने पितरों को तृप्त कर सकते हैं. इससे वे खुश होकर आपको उन्नति का आशीर्वाद देंगे.
सावन अमावस्या का महत्व
भगवान शिव के प्रिय मास सावन में भोग और मोक्ष की कामना से पूजा, पाठ और उपाय किए जाते हैं. अमावस्या के दिन पितर धरती पर आते हैं, ताकि वे अपने वंश से तृप्त हो सकें. यदि आप विधि विधान से अपने पितरों के लिए पूजा, पाठ, दान, तर्पण आदि करते हैं तो उनको मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है. आप सावन अमावस्या पर भगवान शिव से अपने पितरों की मुक्ति के लिए प्रार्थना कर सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : July 27, 2024, 07:57 IST