Tuesday, December 17, 2024
HomeReligionसर्वार्थ सिद्धि योग में शुरू होगा सावन माह, पहले दिन क्या है...

सर्वार्थ सिद्धि योग में शुरू होगा सावन माह, पहले दिन क्या है जलाभिषेक का समय, पंडित जी से जानें सही नियम

भगवान शिव का प्रिय माह सावन का प्रारंभ होने में कुछ दिन ही शेष बचे हैं. सावन को श्रावण भी कहते हैं. सावन के पहले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, जो आपके सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए एक उत्तम योग माना जाता है. इस योग में आप जो भी शुभ कार्य करेंगे, वह सफल सिद्ध होगा. सावन चातुर्मास में आता है, उस समय भगवान विष्णु योग निद्रा में होते हैं, भगवान शिव जगत के पालनहार होते हैं और मोक्ष भी प्रदान करते हैं. पूरे सावन माह में भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना विधि विधान से की जाती है. उनके आशीर्वाद से व्यक्ति के दुख दूर होते हैं और पापों से मुक्ति मिलती है. कहा जाता है कि सावन माह में शिवलिंग पर एक लोटा जल चढ़ाने मात्र से ही भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं. इस वजह से सावन में शिव जी के जलाभिषेक का बड़ा महत्व है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि सावन के पहले दिन शिव जी के जलाभिषेक का शुभ समय क्या है? श्रावण मास के पहले दिन कौन से योग बन रहे हैं?

कब शुरू हो रहा सावन 2024?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 21 जुलाई दिन रविवार को दोपहर 3 बजकर 46 मिनट से शुरू हो रही है. इस तिथि का समापन 22 जुलाई को दोपहर 1 बजकर 11 मिनट पर होगा. ऐसे में उदयातिथि को देखा जाए तो इस साल सावन का प्रारंभ 22 जुलाई से होगा.

ये भी पढ़ें: मंगल गोचर इन 6 राशिवालों पर होगा भारी, आर्थिक तंगी और उथल-पुथल से होंगे परेशान, जानें अशुभ प्रभाव?

सावन 2024 के पहले दिन बना सर्वार्थ सिद्धि योग
पंचांग के अनुसार, सावन के पहले दिन 22 जुलाई को सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. यह योग सुबह 5 बजकर 37 मिनट से प्रारंभ होगा और रात 10 बजकर 21 मिनट तक रहेगा. यह एक शुभ योग है.

सावन 2024 जलाभिषेक का समय
सावन के पहले दिन ब्रह्म मुहूर्त 04:15 ए एम से 04:56 ए एम तक है. इस समय में आपको स्नान कर लेना चाहिए. यह सबसे अच्छा समय माना जाता है. उसके बाद कपड़े पहनकर शिव मंदिर जाएं या घर पर ही शिवलिंग की साफ सफाई करें. उसके बाद जलाभिषेक करें.

सावन के पहले दिन आप जलाभिषेक सूर्योदय के समय 05:37 ए एम से कर सकते हैं. उस समय प्रीति योग और श्रवण नक्षत्र होगा. इसके अलावा आप चाहें तो जलाभिषेक सर्वार्थ सिद्धि योग में कर सकते हैं. उसका समय सुबह 5 बजकर 37 मिनट से प्रारंभ है.

ये भी पढ़ें: 7 जुलाई को होगा कर्क में शुक्र गोचर, इन 5 राशिवालों की राजाओं जैसी होगी लाइफ, मौज में कटेंगे दिन!

जलाभिषेक के नियम
ज्योतिषाचार्य डॉ. भार्गव का कहना है कि किसी भी पूजा पाठ के लिए आपकी भावना का सच्चा होना जरूरी है. मन में छल-कपट हो और आप पूजा, उपवास आदि करें तो उसका कोई लाभ नहीं होता है. वह सब व्यर्थ है. भगवान भी आपकी भावना को समझते हैं और उस अनुसार ही फल देते हैं. भगवान शिव भोले हैं, लेकिन प्रचंड क्रोधी भी हैं. आइए जानते हैं कि शिव जी के जलाभिषेक के क्या नियम हैं?

1. एक लोटे में साफ जल भर लें. यदि गंगाजल हो तो उसे मिला लें.

2. उस पानी में अक्षत्, सफेद चंदन, फूल, बेलपत्र, भांग, धतूरा आदि भी डाल सकते हैं.

3. उसके बाद दोनों हाथों से शिवलिंग पर लोटे से जलाभिषेक करें.

4. जलाभिषेक के समय भगवान शिव के पंचाक्षर मंत्र ओम नम: शिवाय का जाप करें.

5. जलाभिषेक के बाद शिवलिंग की आधी परिक्रमा करें. शिवलिंग के जलाधारी के बाएं से परिक्रमा शुरु करके उसके दांए तक जाएं, फिर वापस आ जाएं. शिवलिंग की पूरी परिक्रमा न करें. यह वर्जित है.

Tags: Dharma Aastha, Lord Shiva, Religion


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular