Sawan 2024: बाबा भोले नाथ का प्रिय मास सावन 22 जुलाई से शुरू हो चुका है. सावन मास भगवान शिव की भक्ति और आराधना के लिए विशेष महत्व रखता है. इस पावन माह में शिवलिंग स्थापित करना अत्यंत शुभ माना जाता है. शुभ में शिवलिंग का जलाभिषेक और पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं
यहां शिवलिंग स्थापना के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं
स्थान: शिवलिंग की स्थापना किसी पवित्र तीर्थ, नदी के तट पर या उस स्थान पर करें जहाँ आप नियमित रूप से पूजा कर सकें. घर में स्थापित करने के लिए पूजा स्थल या मंदिर सबसे उत्तम स्थान होता है.
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समय: शिवलिंग स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का चुनाव करें. सोमवार, प्रदोष काल, महाशिवरात्रि, या किसी अन्य शुभ तिथि को शिवलिंग स्थापित करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है.
शिवलिंग: चल प्रतिष्ठा के लिए छोटा शिवलिंग और अचल प्रतिष्ठा के लिए बड़ा शिवलिंग उपयुक्त होता है. शिवलिंग काले, सफेद या हरे रंग का हो सकता है. शिवलिंग में कोई दरार या खरोंच नहीं होनी चाहिए.
चल शिवलिंग के मामले में, इसकी लंबाई स्थापना करने वाले व्यक्ति की 1 उंगली के बराबर होनी चाहिए, उससे कम नहीं. अचल शिवलिंग के मामले में, लिंग की लंबाई स्थापना करने वाले व्यक्ति की 12 उंगलियों के बराबर या उससे अधिक होनी चाहिए.
पीठ: शिवलिंग की स्थापना हमेशा पीठ सहित करनी चाहिए. पीठ गोल, चौकोर, त्रिकोण या घाट के पाए की तरह ऊपर-नीचे मोटी और बीच में पतली होनी चाहिए. पीठ पर ॐ नमः शिवय मन्त्र उत्कीर्ण कराना भी शुभ होता है.
विधि
संपूर्ण तैयारी: शिवलिंग, पीठ, जल, दूध, दही, घी, शहद, फूल, बेलपत्र, धतूरा, चंदन, अगरबत्ती, दीपक आदि पूजा सामग्री इकट्ठा करें. स्थापना स्थल को स्वच्छ और पवित्र करें. गंगाजल से शिवलिंग और पीठ को धो लें.
प्राण प्रतिष्ठा: पीठ पर ॐ नमः शिवय मन्त्र लिखें. शिवलिंग को पीठ पर स्थापित करें. शिवलिंग को गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद से अभिषेक करें. ॐ नमः शिवय मन्त्र का जाप करें. शिवलिंग को वस्त्र, आभूषण, फूलों से सजाएं. दीप प्रज्वलित करें और धूप जलाएं.
नियमित पूजा: प्रतिदिन प्रातःकाल और सायंकाल शिवलिंग की पूजा करें. शिवलिंग को जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा, चंदन आदि अर्पित करें. ॐ नमः शिवय मन्त्र का जाप करें. सोमवार को विशेष पूजा करें.
ध्यान रखें कि शिवलिंग को स्थापित करने के बाद उसे कभी भी हिलाना-डुलाना नहीं चाहिए. शिवलिंग को हमेशा स्वच्छ और पवित्र रखें. पूजा करते समय मन शुद्ध और एकाग्र रखें.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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