देवघर: इस बार सावन बहुत खास है. भगवान शिव के परम प्रिय माह में कई अद्भुत और दुर्लभ संयोग बन रहे हैं. माना जाता है कि भगवान शिव के प्रसन्न होने से सभी प्रकार के रोग-दोष समाप्त हो जाते हैं. सावन के महीने में दो प्रदोष व्रत भी होंगे, जिसमें से एक शनि प्रदोष व्रत होगा. इस शनि प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव में कमी आती है. वर्तमान में 5 राशि के जातक साढ़ेसाती और ढैय्या से प्रभावित हैं, वे शनि प्रदोष पर ये उपाय जरूर करें.
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने Local 18 को बताया कि 22 जुलाई से सावन शुरू होने वाला है. इसका समापन 19 अगस्त को होगा. पूरे सावन में दो प्रदोष व्रत आने वाले हैं, जिसमें एक शनि प्रदोष व्रत भी है. वर्तमान में शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव मकर, कर्क, वृश्चिक, कुंभ और मीन पर बना हुआ है. ये पांच राशि वाले शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा जरूर करें. इससे शिव की कृपा से शनि शांत होंगे. मान्यता है कि भगवान शिव शनिदेव के गुरु हैं.
शनि प्रदोष के दिन ऐसे करें पूजा
17 अगस्त को शनि प्रदोष व्रत पड़ रहा है. शनि प्रदोष व्रत पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव काम करने के लिए मकर, कर्क, वृश्चिक, कुंभ और मीन राशि के जातक भगवान शिव का जलभिषेक करें. राम नाम लिखा बेलपत्र अर्पण करें. साथ ही संध्या के समय आटे का दीपक बनाकर तिल के तेल का दीया जलाएं. इससे शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव में कमी आएगी. आर्थिक, मानसिक और शारीरिक कष्ट दूर हो जाएंगे.
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FIRST PUBLISHED : July 12, 2024, 06:42 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.