Tuesday, December 17, 2024
HomeReligionसावन में कैसे करें रुद्राभिषेक? नवग्रह शांति, मनोकामना पूर्ति के लिए अलग-अलग...

सावन में कैसे करें रुद्राभिषेक? नवग्रह शांति, मनोकामना पूर्ति के लिए अलग-अलग है तरीका, जानें इसके फायदे

सावन माह में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रुद्राभिषेक भी किया जाता है. रुद्राभिषेक शिव के जलाभिषेक से अलग होता है. इन दोनों को एक ही समझने की गलती न करें. रुद्राभिषेक एक जटिल प्रक्रिया है, जिसका पालन करना जरूरी होता है. यदि रुद्राभिषेक नियमपूर्वक न किया जाए तो उसका फल प्राप्त नहीं होता है. इस साल श्रावण मास का प्रारंभ 22 जुलाई को सोमवार से हुआ है. श्रावण मास में रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति को इच्छित फल की प्राप्ति हो सकती है. नवग्रह शांति और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए रुद्राभिषेक कराया जाता है. जैसी मनोकामना वैसा रुद्राभिषेक होता है. उसमें अलग-अलग सामग्री का उपयोग होता है. महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान ट्रस्ट के ज्योतिषाचार्य पं.राकेश पाण्डेय से जानते हैं कि सावन में कैसे करें रुद्राभिषेक? नवग्रह शांति और मनोकामना पूर्ति के लिए रुद्राभिषेक कैसे होता है? रुद्राभिषेक के फायदे क्या हैं?

सावन में शिव पूजा की विधि

इस साल सावन माह 29 दिनों का है, जिसमें 5 सावन सोमवार व्रत हैं. यह अत्यंत ही शुभ है. पूजा के समय सबसे पहले शिव जी का जल से अभिषेक करें. फिर पंचामृत और बृहदजलधारा से उनका स्नान कराएं और भष्मादि लगाएं. उसके बाद शिव​जी को बेलपत्र, भांग, तुलसी की मंजरी, मदार का सफेद फूल, धतूरा, शमी के पत्ते आदि चढ़ाकर पूजा करें. फिर महामृत्युंजय मंत्र या ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें.

ये भी पढ़ें: शिवलिंग पर बेलपत्र सीधा चढ़ाते हैं या उल्टा? क्या है नियम, पंडित जी से जानें सही विधि, मंत्र

नवग्रह शांति के लिए रुद्राभिषेक कैसे करें?

1. यदि आपकी कुंडली में सूर्य दोष, सूर्य से संबंधित कष्ट, रोग आदि हो तो श्वेतार्क के पत्तों को पीस लें और उसे गंगाजल में डाल दें. फिर उससे रुद्राभिषेक करें. कष्ट से मुक्ति मिलेगी.

2. कुंडली के चंद्र दोष, उससे संबंधित रोग या कष्ट से मुक्ति के लिए काले तिल को पीस लें और उसे गंगाजल में मिलाकर रुद्राभिषेक करें. आपको लाभ होगा.

3. मंगल दोष को दूर करें या उससे जुड़े कष्ट या रोगों से मुक्ति के लिए अमृता के रस को गंगाजल में मिला लें. उससे रुद्राभिषेक करने से फायदा होगी.

4. कुंडली के बुध दोष और उससे जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए विधारा के रस से रुद्राभिषेक करें.

5. गुरु दोष से मुक्ति के लिए आप गाय के दूध में हल्दी मिला लें. उससे रुद्राभिषेक करें. इससे गुरु ग्रह से जुड़ी अशांति दूर होगी.

6. कुंडली में व्याप्त शुक्र दोष और उससे जुड़ी समस्याओं के निवारण के लिए आप गाय के दूध से बने छाछ से भगवान शिव का रुद्राभिषेक कराएं. आपको जल्द फायदा मिल सकता है.

7. शनि की पीड़ा, कष्ट और कुंडली के शनि दोष से मुक्ति के लिए गंगाजल में शमी के पत्ते को पीसकर मिला लें. फिर उससे रुद्राभिषेक करें. आपको लाभ मिल सकता है.

8. पाप ग्रह राहु की पीड़ा, उससे जुड़ी समस्याओं से मुक्ति के लिए गंगाजल में दूर्वा मिला लें. फिर उससे रुद्राभिषेक करें.

9. कुंडली के केतु दोष या उससे होने वाले रोगों के निवारण के लिए गंगाजल में कुश की जड़ पीसकर मिला दें. ​उससे रुद्राभिषेक करें, आपकी समस्याएं दूर होंगी.

ये भी पढ़ें: कब है सावन की पहली चतुर्थी? बना 3 शुभ संयोग, जानें मुहूर्त, पूजन विधि, चंद्र अर्घ्य समय

मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए रुद्राभिषेक

1. धन प्राप्ति के लिए आप स्फटिक के बले शिवलिंग पर गाय के दूध या फिर गन्ने के रस से रुद्राभिषेक कराएं.

2. जीवन में सुख और समृद्धि पाने के लिए आपको गाय के दूध में चीनी और मेवे मिलाकर रुद्राभिषेक कराना चाहिए.

3. शत्रुओं पर विजय प्राप्ति और उनके समूल नाश के लिए सरसों के तेल से रुद्राभिषेक करें.

4. पुत्र की प्राप्ति के लिए गाय के घी या मक्खन से रुद्राभिषेक कराना चाहिए.

5. भूमि, भवन, वाहन या अन्य किसी प्रकार की प्रॉपर्टी की प्राप्ति के लिए शहद से रुद्राभिषेक करना चाहिए.

6. किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए गाय के घी से रुद्राभिषेक करें.

Tags: Dharma Aastha, Lord Shiva, Sawan Month, Sawan somvar


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular