देवघर: ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह न्याय के देवता माने जाते हैं. सभी राशियों को उनके कर्म के अनुसार फल प्रदान करते हैं. शनि की चाल में जब भी परिवर्तन आता है तो उसका व्यापक प्रभाव सभी 12 राशियों के जीवन पर देखने को मिलता है. कलयुग में शनि का प्रभाव भी अधिक माना जाता है. जून के अंत में शनि की चाल बदलने वाली है, जिसका बड़ा प्रभाव जुलाई की शुरुआत से ही देखने को मिलने वाला है.
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने Local 18 को बताया कि शनि सबसे धीमी गति से राशि परिवर्तन करते हैं. शनि अभी खुद की राशि कुंभ में विराजमान हैं. इसी राशि में शनि 30 जून को वक्री होने वाले हैं. शनि के वक्री होने का प्रभाव सभी के जीवन पर अवश्य पड़ने वाला है. ये प्रभाव शुभ और अशुभ दोनों तरह का हो सकता है. इस बार खासकर तीन राशियों के लिए यह प्रभाव कठिन समय लेकर आने वाला है.
इन राशियों को रहना होगा सावधान
मेष: जैसे ही शनि वक्री होंगे मेष राशि वालों का समय बदलता दिखेगा. जिंदगी में मुसीबत बढ़ सकती हैं. परिवाद में छोटी-छोटी बातों को लेकर विवाद शुरू हो सकते हैं. मानसिक तनाव भी बढ़ेगा. कोई भी कार्य पूरा करने में ज्यादा मशक्कत करनी पड़ सकती है. शत्रु आप पर ज्यादा हावी होने की कोशिश करेंगे. कई क्षेत्रों में आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ सकता है. समय-समय पर आपको यात्रा करनी पड़ेगी. यह यात्रा खर्चीली हो सकती है.
तुला: शनि के वक्री होने पर तुला राशि वालों को भी दिक्कत हो सकती है. जीवनसाथी के साथ मतभेद हो सकते हैं. अत्यधिक खर्च से मन परेशान रहने वाला है. सेहत भी खराब रह सकती है. अस्पताल जाना पड़ सकता है. व्यापार में आर्थिक नुकसान हो सकता है. किसी के ऊपर भी आंख मूंद कर भरोसा न करें. आलस्य बढ़ने के कारण कोई भी कार्य समय पर पूरा नहीं हो सकेगा. छात्रों का पढ़ाई में मन नहीं लगेगा.
कुंभ: इस राशि के जातकों के लिए भी शनि की वक्र चाल शुभ होती नहीं दिख रही. कोर्ट कचहरी के मामलों में फैसला पक्ष में नहीं रहेगा. किसी विवाद में बिल्कुल न पड़ें अन्यथा फंस सकते हैं. मानसिक तनाव भी हो सकता है. अगर आप वाहन चलते हैं तो सावधानी पूर्वक चलाएं चोट-चपेट की संभावना है. व्यर्थ के विवाद से बचें. जब तक शनि वक्री रहने वाले हैं, तब तक कोई भी नए कार्य की शुरुआत न करें. आर्थिक तंगी भी हो सकती है.
बचने के लिए करें ये उपाय
शनि की वक्र चाल से बचने के लिए हर शनिवार को शनि मंदिर जाकर तिल के तेल का दिया जलाएं. शनि देव को सरसों तेल से स्नान कराएं. शनि चालीसा का पाठ अवश्य करें. इसके अलावा बजरंगबली की पूजा करें. शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करें. रोज हनुमान चालीसा भी पढ़ें. ऐसा करने से शनि का नकारात्मक प्रभाव काफी कम होगा.
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FIRST PUBLISHED : June 10, 2024, 14:41 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.