Sarva Pitru Amavasya 2024: पितृ पक्ष, हिंदू धर्म में एक विशेष समय होता है जब हम अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. इस वर्ष पितृ पक्ष का समापन सर्व पितृ अमावस्या के दिन 02 अक्टूबर 2024, बुधवार को होगा. यह दिन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस दिन सभी पितरों की आत्मा को शांति और मोक्ष की प्राप्ति के लिए प्रार्थना की जाती है.
पूर्वजों को याद करते हैं सर्व पितृ अमावस्या पर
पितृ अमावस्या के दिन, सभी लोग जो अपने पूर्वजों को याद करते हैं, उनके लिए कुछ विशेष कार्य करने की परंपरा है. इस दिन गीता का सातवां अध्याय पढ़ने की सलाह दी जाती है, जो भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दी गई ज्ञान की शिक्षाओं से भरा है. ऐसा माना जाता है कि इस अध्याय का पाठ करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है, और वे संतुष्ट होकर अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं.
की जाती है ये प्राथर्ना
सूर्य देव को जल और अन्न चढ़ाकर प्रार्थना करना भी एक महत्वपूर्ण क्रिया मानी जाती है. इस प्रार्थना में कहा जाता है: “हे सूर्यदेव, यमराज आपके पुत्र हैं, हमारे घर के जो भी सदस्य गुजर चुके हैं, उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें. आज के गीता के पाठ का पुण्य उनके लिए दीजिये.” ऐसी मान्यता है कि सूर्य देव इस प्रार्थना को सुनते हैं और यमराज के माध्यम से पितरों की आत्मा को शांति प्रदान करते हैं.
सर्व पितृ अमावस्या पर यह प्रार्थना और पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और शांति आती है. विशेष रूप से यह भी कहा जाता है कि पितरों के आशीर्वाद से घर में अच्छी संतान का जन्म होता है और परिवार की उन्नति होती है.यह समय उन लोगों के लिए एक सुनहरा अवसर है जो अपने पूर्वजों की स्मृति को सम्मान देते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए कुछ करना चाहते हैं. पितृ पक्ष के अंतिम दिन, सर्व पितृ अमावस्या पर, यह कार्य अवश्य करना चाहिए ताकि पितृगण प्रसन्न हों और अपने परिवार को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद दें. सभी से आग्रह है कि 02 अक्टूबर 2024 को पितरों की शांति के लिए गीता पाठ और सूर्य देव की पूजा जरूर करें.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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