भारत के पूर्व क्रिकेटर संजय बांगर के बेटे आर्यन ने सोशल मीडिया पर अपने लिंग परिवर्तन की जानकारी दी. आर्यन ने 11 महीने पहले अपनी हार्मोन ट्रांसप्लांट की जर्नी शुरू की. इसको लेकर इंस्टाग्राम पर वीडियो पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा कि मैं अपनी ताकत खो रही हूं लेकिन मैं खुश हूं. शरीर में बदलाव हो रहे हैं, लेकिन ‘डिस्फोरिया’ में आसानी हो रही है. अभी एक लंबा सफर तय करना है, मगर हर एक कदम मुझे अपना-सा लगता है.
क्या होती है हार्मोन ट्रांसप्लांट थेरेपी?
कई बार व्यक्ति अपने लिंग को लेकर असमंजस की स्थिति में रहते हैं. वे अपने जेंडर के सामान्य शारीरिक व्यवहार के विपरीत अनुभव करते हैं. आज डॉक्टरों का सहारा लेकर वे अपने हार्मोंस में बदलाव करवा लेते हैं, जिससे वे मानसिक और शारीरिक रूप से संतुष्टि का अनुभव करते हैं. लिंग परिवर्तन के लिए प्लास्टिक सर्जरी का सहारा लिया जाता है. इस प्रक्रिया के दौरान विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम के साथ साइकोलॉजिस्ट और न्यूरो सर्जन भी होते हैं. भारत में इसे 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने नालसा बनाम भारत सरकार के एक वाद में इसकी अनुमति दी. 21 वर्ष से कम आयु के लोगों की सर्जरी अभिभावक (माता-पिता) की अनुमति से ही की जाती है.
आर्यन भी अपने पिता की तरह क्रिकेट खेलते हैं. आर्यन (अनाया) ने एक और पोस्ट में अपने क्रिकेट के प्रति प्रेम के बारे में भी बताया. बचपन से क्रिकेट मेरे जीवन का हिस्सा रहा है. मैंने पिता को देश के लिए खेलते हुए देखा है और मैंने भी क्रिकेट के सारे स्किल सीखे हैं, मेरा सपना भी अपने देश के लिए खेलना था. लेकिन मुझे कभी नहीं पता था, कि मुझे उस खेल को छोड़ना पड़ेगा जो मेरा प्यार और जुनून रहा है. लेकिन हार्मोन ट्रांसप्लांट थेरेपी के कारण मेरे शरीर में बदलाव आ रहे हैं, मेरा शरीर कमजोर पड़ता जा रहा है, मेरे शरीर में एथलेटिक क्षमता घटती जा रही है. मेरा खेल मुझसे दूर जा रहा है.
वे बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं और लोकल क्रिकेट क्लब, इस्लाम जिमखाना के लिए क्रिकेट खेलते हैं. उनकी अधिकतम सोशल मीडिया पोस्ट इंग्लैंड से की गई हैं, उनमें से एक में वीडियो पोस्ट कर अपने क्रिकेट कौशल के बारे में दिखाया था.