Sanitary Pads: पीरियड के दौरान लड़कियां और महिलाएं सैनिटरी पैड्स का ही इस्तेमाल करती हैं. लेकिन क्या आप जानती हैं कि सैनिटरी पैड्स के इस्तेमाल से भी कैंसर का खतरा बना रहता है. अध्ययन में सामने आया है कि कई कंपनियों के सैनिटरी पैड् को बनाने में खतरनाक केमिकल का इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे महिलाओं को कैंसर के साथ-साथ बांझ भी बना सकते हैं. चलिए जानते हैं सैनिटरी पैड्स से कैसे कैंसर हो सकता है और बचाव…
सैनिटरी पैड्स से कैंसर कैसे होता है?
मार्केट में अलग-अलग तरह की सैनिटरी पैड्स बेचे जाते हैं. जिसकी खूशबू अलग-अलग तरह की होती है जो कैंसर का कारण बन सकता है. लेकिन अब सवाल उठता है कि सैनिटरी पैड्स से कैसे कैंसर हो सकता है तो आपको बात दें कि एक स्टडी के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि सैनेटरी पैड्स में थैलेट और वोलेटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड (VOCs) हैं जो दोनों दूषित पदार्थ कैंसर सेल्स बनाने में सक्षम होते हैं. एक फीमेल की रिप्रॉब्टिक एरिया के पास कि स्किन बहुत ही ज्यादा नाजुक होती है और जब सैनिटरी पैड स्किन के संपर्क में आता है तो इसके अंदर पाए जाने वाले तीन हजार से ज्यादा नुकसानदायक कैमिकल्स आपके स्किन के माध्यम से आपके शरीर के अदंर प्रवेश करता है जो आगे चलकर कैंसर का कारण भी बन सकते हैं.
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सैनिटरी पैड्स के जगह क्या इस्तेमाल करें?
अगर आप कैंसर से बचना चाहते हैं तो सैनिटरी पैड्स की जगह कपड़े से बने पैड्स का इस्तेमाल करें. कपड़े से बने पैड्स महिलाओं के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है. आ इस पैड को दोबारा धोकर भी उपयोग में ला सकते हैं. ऐसा करके आप न सिर्फ खुद को बचा सकते हैं बल्कि धरती को भी बचा सकते हैं.
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