Wheat: गेहूं के जमाखोर अब गरीबों का आटा गीला नहीं कर सकेंगे. सरकार ने खुदरा बाजार में आटे की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए गेहूं के जमाखोरों पर तगड़ा प्रहार किया है. उसने शुक्रवार 13 सितंबर 2024 को ही गेहूं के व्यापारियों, बड़ी रिटेल चेन विक्रेताओं और प्रोसेसर के लिए गेहूं का स्टॉक रखने की सीमा सख्त कर दी है. गेहूं पर यह संशोधित स्टॉक सीमा, 24 जून 2024 को लगाए गये स्टॉक सीमा के बमुश्किल दो महीने बाद आई है. ये प्रतिबंध सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 31 मार्च, 2025 तक लागू रहेंगे. सरकार की ओर से स्टॉक सीमा में संशोधन किए जाने के बाद जमाखोर अगर निर्धारित सीमा से अधिक गेहूं को जमा किया, तो उन पर कार्रवाई होगी.
2000 टन से अधिक गेहूं नहीं रख सकते थोक व्यापारी
सरकार की ओर से जारी गए गए एक बयान में कहा गया है कि गेहूं के स्टॉक से संबंधित संशोधित नियमों के तहत व्यापारियों और थोक विक्रेताओं को अब 2,000 टन तक जमा करने की अनुमति है, जबकि पहले यह सीमा 3,000 टन थी. वहीं, बड़ी रिटेल चेन विक्रेता प्रत्येक बिक्री केन्द्र में 10 टन और अपने सभी डिपो पर (कुल बिक्रीकेन्द्र की संख्या का 10 गुना) तक गेहूं को स्टोरेज कर सकते हैं. पहले, उन पर बिक्री केंद्र की संख्या के आधार पर गेहूं स्टॉक करने पर कोई प्रतिबंध नहीं था.
प्रोसेसरों की स्टॉक सीमा घटी
सरकारी बयान में कहा गया है कि गेहूं का प्रोसेसिंग करने वालों के लिए स्टॉक सीमा को घटाकर उनकी मासिक स्थापित क्षमता (एमआईसी) का 60% कर दिया गया है. अबतक यह 70% था. पर्सनल रिटेल विक्रेताओं के लिए स्टॉक सीमा में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया है. वे 10 टन तक गेहूं का स्टॉक रख सकते हैं. सरकार ने सभी संस्थाओं को अपने स्टॉक की स्थिति घोषित करने और इसे नियमित रूप से खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के पोर्टल https//evegoils.nic.in/wsp/login पर करना अनिवार्य किया है.
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सरकार ने दी 15 दिन की मोहलत
बयान में कहा गया है कि केंद्र और राज्य दोनों के अधिकारी इन स्टॉक सीमाओं के प्रवर्तन की बारीकी से निगरानी करेंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि देश में गेहूं की कोई बनावटी कमी न पैदा की जा सके. सरकार की ओर से निर्धारित सीमा से अधिक स्टॉक रखने वालों को नए नियमों का पालन करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है. इसके बाद कार्रवाई और निगरानी की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
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