Remembering Shashi Kapoor: शशि कपूर का असली नाम बलबीर राज कपूर था. वह राज कपूर और शम्मी कपूर के सबसे छोटे भाई थे. बचपन में वह अपने पिता पृथ्वीराज कपूर के नाटकों में एक्टिंग करते थे. 40 के दशक में उन्होंने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्मों में एंट्री की और बाद में असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर भी काम किया.
फिल्मों में सफलता और पहचान
शशि कपूर ने 50 साल के करियर में बॉलीवुड और इंग्लिश फिल्मों में काम किया. उनकी कुछ हिट फिल्में थीं ‘दीवार,’ ‘कभी-कभी,’ ‘सत्यम शिवम सुंदरम,’ और ‘त्रिशूल.’ उन्हें चार नेशनल अवॉर्ड, दो फिल्मफेयर अवॉर्ड, पद्म भूषण और दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया.
पर्सनल लाइफ का अनसुना किस्सा
एक बार, स्कूल में कम नंबर आने पर शशि कपूर इतने परेशान हुए कि उन्होंने खुदकुशी करने की धमकी दी. उन्होंने एक सुसाइड नोट लिखा जिसमें बताया कि खाना अच्छा नहीं है और स्कूल का माहौल पसंद नहीं. उन्होंने लिखा, “अगर आपने मुझे यहां से बाहर नहीं निकाला तो मैं सुसाइड कर लूंगा.” उनकी मां ने तुरंत शम्मी कपूर को उन्हें वापस लाने भेजा. शशि कपूर के इस किस्से ने साबित किया कि वह बचपन से ही अपने विचारों को व्यक्त करने में साफ और सच्चे थे.
फिल्म अजूबा से डायरेक्शन का डेब्यू
1987 के बाद शशि कपूर ने फिल्मों से दूरी बना ली, लेकिन डायरेक्शन में हाथ आजमाया. उन्होंने ‘अजूबा’ बनाई, जिसमें अमिताभ बच्चन को कास्ट किया. हालांकि, फिल्म फ्लॉप हो गई और इससे उन्हें बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ.
कपूर खानदान का चमकता सितारा
कपूर खानदान ने हमेशा हिंदी सिनेमा को रोशनी दी और शशि कपूर इसका अहम हिस्सा थे. उनकी बेहतरीन अदाकारी और फिल्मों का जादू आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है.
फैंस के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे
शशि कपूर ने जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन उन्होंने कभी अपने हौसले को टूटने नहीं दिया. उनका संघर्ष और सफलता की कहानी हर किसी के लिए इंस्पिरेशन है. शशि कपूर भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका सिनेमा और मनोरंजन जगत में योगदान उन्हें अमर बनाता है. प्रभात खबर की पूरी टीम की ओर से उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि.
Also read:Remembering Vinod Mehra: सिर्फ रेखा से करते थे विनोद मोहब्बत, जाने एक प्रेम कहानी जो रह गई अधूरी